सत्ता की हनक: 6 नामजद आरोपियों को 1 माह बाद भी नहीं पकड़ सकी UP पुलिस

punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2019 - 06:36 PM (IST)

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बढ़ रहे अपराध व महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। लेकिन रायबरेली पुलिस उन पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। यही नहीं तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक व डीएम के आदेशों की लालगंज पुलिस खुले आम धज्जियां उड़ाती नजर आ रही है। लालगंज क्षेत्र के मदूदपुर गांव की एक सन्यासी महिला पर जानलेवा हमला हुआ था। जिसके बाद एससी एसटी व 308 जैसी गम्भीर धाराओं में दर्ज मुकदमा के बाद भी महिला को एक माह के बाद न्याय नहीं मिल सका है। लालगंज पुलिस सत्ता के हुक्मदारों के नदमस्तक नजर आई। वहीं पीड़ित परिवार एक माह बाद भी गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार यानि आज एक बार फिर सरकारी चौखटों के चक्कर काटता नजर आया।

बता दें कि लालगंज थाना क्षेत्र के मदूदपुर गांव मे बीती 17 अक्टूबर को पुरानी रंजिशन ग्राम प्रधान सहित लगभग आधा दर्जन लोगों ने सोनी सन्यासी नामक एक दलित महिला पर जानलेवा हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया था। यही नही महिला को लात घूसों से इतना पीटा कि महिला के प्राइवेट पार्ट से ब्लड आना बंद ही नहीं हुआ जो अभी भी गम्भीर है। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की ओर 17 अक्टूबर को 2 बजे 147/323/506/308 सहित एससी एसटी 3(1) (द) व 3(1)(ध) में मुकदमा दर्ज कर सिर्फ खानापूर्ति कर दिया। लेकिन खबरों के प्रकाशन के बावजूद डीएम व एसपी के ट्यूटर सहित अन्य आदेश के बावजूद भी आज तक पुलिस पीड़ितों को आश्वासन देती रही और सत्ता की हनक के आगे दर्ज मुकदमों पर गिरफ्तारी नहीं कर सकी। वहीं पीड़ित परिवार मंगलवार को भी सरकारी चौखटों के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं।

इस घटना में सबसे बड़ी बात रही कि सत्ता की हनक के आगे पीड़िता को जिला अस्पताल से भी बाहर कर दिया गया। जिसके बाद पीड़िता बचत भवन के बाहर तड़पती रही। इस घटना में स्वास्थ्य विभाग भी सवालों के घेरे में आ गया है। वहीं मीडिया के पहुंचने पर पीड़िता को एम्बुलेंस से फिर जिला अस्पताल भेज दिया गया। पीड़ित पक्ष ने नवांगत सीओ लालगंज से मुलाकात भी की लेकिन वहाँ भी सिर्फ गिरफ्तारी का आश्वासन दिया गया और एक माह 17 दिन बीत जाने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं की गई।

इसीक्रम में नवांगत डीएम शुभ्रा सक्सेना ने जनपद का चार्ज लेते ही पहले ही दिन मीडिया से साफ शब्दों मे कहा था कि महिलाओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा। तो यह अपराध व महिला उत्पीड़न किस श्रेणी में आता है आखिर उनके आदेश की धज्जियां क्यों उड़ाई गई, महिला को न्याय क्यों नहीं दिया गया यह अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है। देखना यह है कि अब योगी, मोदी शासन में इस सोनी सन्यासी नामक महिला को क्या सही न्याय मिल पायेगा यह आने वाला समय ही तय करेगा।

 

 

Ajay kumar