पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं सुहागन करवा चौथ व्रत

punjabkesari.in Saturday, Oct 07, 2017 - 02:14 PM (IST)

इलाहाबादः सफल और खुशहाल दाम्पत्य जीवन की कामना के साथ कल उत्तर प्रदेश समेत समूचे देश में सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखेंगी। आधुनिकता की चकाचौंध ने भले ही सभी तीज-त्यौहार को प्रभावित किया हो, लेकिन सदियों पुराना करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियां पति की दीर्घायु के लिए श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करती हैं।

मोबाइल फोन और इंटरनेट के दौर में करवा चौथ के प्रति महिलाओं में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आई है, बल्कि इसमें और आकर्षण बढ़ा है। शास्त्रों-पुराणों में वर्णन मिलता है कि यह व्रत जीवन साथी के स्वस्थ और दीर्घायु होने कि कामना से किया जाता था। कभी करवाचौथ पत्नी के, पति के प्रति समर्पण का प्रतीक हुआ करता था, लेकिन आज यह पति-पत्नी के बीच के सामंजस्य और रिश्ते की ऊष्मा से दमक और महक रहा है।

आधुनिक दौर भी इस परंपरा को गिरा नहीं सका है बल्कि इसमें अब ज्यादा संवेदनशीलता, समर्पण और प्रेम की अभिव्यक्ति दिखाई देती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करकचतुर्थी व्रत करने का विधान है। इस व्रत की विशेषता यह है कि सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है। स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है। सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की आयु, स्वास्थ्य एवं सौभाग्य की कामना करती हैं। मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए कहीं कुंवारी कन्याए भी इस व्रत को करने लगी हैं।

समाजशास्त्र से एम.ए कर रही अनु तिवारी ने बताया कि करवा चौथ के दिन अब पत्नी ही नहीं पति भी व्रत करते हैं। यह परंपरा का विस्तार है। करवा चौथ को अब सफल और खुशहाल दाम्पत्य की कामना के लिए किया जा रहा है। करवाचौथ अब केवल लोक-परंपरा नहीं रह गई है। पौराणिकता के साथ-साथ इसमें आधुनिकता का प्रवेश हो चुका है और अब यह त्योहार भावनाओं पर केंद्रित हो गया है।