मुझे विश्वास है कि 2047 का भारत हर तरह के भेदभाव से होगा मुक्तः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 10:07 PM (IST)

लखनऊ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार को विश्वास व्यक्त किया कि आज की युवा पीढ़ी के प्रयासों से वर्ष 2047 का भारत हर तरह के भेदभाव से मुक्त एक विकसित देश के रूप में प्रतिष्ठित होगा। कोविंद ने कहा कि युवा पीढ़ी आजादी की शताब्दी तक हिंदुस्तान में समतामूलक समाज की स्थापना के काम में सभी नौजवान अभी से जुट जाएं।

राष्ट्रपति ने लखनऊ स्थित बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे विश्वास है कि आज की युवा पीढ़ी के प्रयासों से वर्ष 2047 का भारत हर प्रकार के भेदभाव से मुक्त होकर एक विकसित देश के रूप में प्रतिष्ठित होगा। भविष्य के भारत में न्याय, समता और बंधुत्व के संवैधानिक आदर्शों को हम पूरी तरह से अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में ढाल चुके होंगे।" उन्होंने कहा, "हम एक समावेशी विश्व व्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभा रहे होंगे। ऐसे समतामूलक और सशक्त भारत के निर्माण के लिए आप सबको आज से ही संकल्पबद्ध होकर जुटना है। मैं चाहूंगा कि आप सब भारत को विकास की ऐसी ऊंचाइयों पर लेकर जाएं जो हमारी कल्पना से भी बहुत ऊपर हो। यही बाबा साहब का सपना था और हम सबको मिलकर इसे पूरा करना होगा।

राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में उपाधियां धारण करने वाले तमाम युवाओं से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान करते हुए कहा कि "आप जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनें।" राष्ट्रपति ने कहा कि भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय बाबा साहब के विचारों के अनुरूप शिक्षा के माध्यम से अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के समावेशी विकास की दिशा में सराहनीय योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग एक वर्ष पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से भारत को एक 'शिक्षा महाशक्ति' के रूप में स्थापित करने का अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति 21वीं सदी की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप आज की युवा पीढ़ी को सक्षम बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

 

Content Writer

Moulshree Tripathi