ICMR ने बदली गाइड लाइन, अब निमोनिया के मरीज की भी होगी कोविड-19 जांच

punjabkesari.in Thursday, Mar 26, 2020 - 06:06 PM (IST)

लखनऊः दुनिया भर के लिए भय का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस से पूरा देश जंग लड़ रहा है। देश में कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पड़ताल के लिए अब गाइड लाइन बदली है। जिसके तहत भारत में अब निमोनिया के मरीज की कोविड-19 जांच होगी। बता दें कि कोरोना का बढ़ता प्रकोप निमोनिया से होकर ही गुजरता है।

KGMU में भर्ती निमोनिया के मरीजों का सैंपल भेजा गया लैब
ICMR की नई गाइडलाइन लोगों को डराने के लिए नहीं है, बल्कि मौजूदा वक्त में चल रही वैश्विक विपत्ति के दौरान सजग करने के लिए है। चिकित्सक और वैज्ञानिक कोरोनावायरस के जो लक्षण बताते हैं वह निमोनिया से काफी मिलता-जुलता है। कई बार जिस बीमारी को आप निमोनिया समझ रहे हैं, वह कुछ दिनों के बाद आगे बढ़कर कोरोना वायरस साबित हो सकता है। लखनऊ के अस्पतालों में नया प्रोटोकॉल लागू कर दिया गया है। ऐसे में KGMU में भर्ती निमोनिया के मरीजों का स्वैब कलेक्शन कर सैंपल लैब भेज दिया गया है।

KGMU के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि  20 मार्च को जारी नई गाइड लाइन प्राप्त हो गई है। अब इसमें एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस को भी जोड़ दिया गया है। मसलन, अस्पताल में भर्ती सांस रोगियों में निमोनिया या लंग इंफेक्शन होने पर भी कोरोना कोविड-19 की जांच कराना अनिवार्य होगा। नए नियमों का पालन देश के सभी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों को करना होगा ताकि कम्युनिटी में कोरोना वायरस फैला है कि नहीं इसकी पुष्टि हो सके। उन्होंने कहा कि इसके अलावा डायबिटीज, फेफड़े की सीओपीडी, आइएलडी के रोगियों, आइसीयू में भर्ती गंभीर मरीज में भी निमोनिया अधिक होता है।


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Ajay kumar

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