मास्क नहीं तो कोरोना वायरस से निपटेगा 'गरीब का गमछा': मोहन प्रसाद

punjabkesari.in Sunday, Apr 05, 2020 - 02:14 PM (IST)

लखनऊ: गांव देहात में तपती दोपहरिया में पसीना पोंछने, बारिश में सिर ढंकने और ठंड में कान बांधने के काम आने वाला गमछा या अंगौछा अब कोरोना महामारी में मास्क के विकल्प के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कह दिया है कि लॉकडाउन में और इसके खुलने के बाद भी अगर घर से बाहर निकलें तो चेहरा ढंककर ही निकलें। मास्क के साथ गमछा और दुपट्टा भी इसका विकल्प हो सकता है।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कोविड-19 की उच्च स्तरीय समीक्षा के क्रम में प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों तथा पुलिस आयुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक को परिपत्र के माध्यम से ''गमछे या अंगौछे'' को लेकर निर्देश दिये हैं। निर्देश यह है कि समस्त शासकीय एवं गैर शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा जनसामान्य को प्रेरित किया जाए कि वे जब घर से बाहर निकलें, अपने नाक व मुँह मास्क से अथवा मास्क उपलब्ध न होने पर तौलिया, अगौंछा या दुपट्टे से ढक कर निकलें एवं ढंकने वाले कपड़े को प्रतिदिन साबुन से धोयें।

लड़कियां कर सकती दुपट्टे का इस्तेमाल
सूबे का स्वास्थ्य विभाग भी इस मसले पर काफी संवेदनशीलता बरत रहा है। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा, ''जिनके पास मास्क है, वो मास्क लगा सकते हैं। गांवों में अगर मास्क उपलब्ध ना हों तो गमछे को मुंह पर लगा सकते हैं। लड़कियां दुपट्टे का इस्तेमाल कर सकती हैं। साड़ी का पल्लू लगाया जा सकता है। रूमाल लगाया जा सकता है। इन्हें दो तीन चार लेयर बनाकर लगाया जा सकता है । इससे संक्रमण से बचाव होगा ।''

गमछा बचाव का मजबूत तरीका
प्रसाद ने कहा कि इस संक्रमण से डरना नहीं बल्कि इससे हमें सावधान रहना है, बचाव करना है और इसके लिए बार-बार साबुन से हाथ धोना और सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना सबसे कारगर उपाय है। इसके अलावा इम्युनिटी को मजबूत करने के उपाय करने चाहिए। तुलसी अदरख का काढ़ा, नीम की पत्ती का सेवन, गिलोय का सेवन जैसे पारंपरिक उपाय करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि अगर किसी ऐसी जगह जा रहे हैं, जहां कुछ लोग हो सकते हैं तो मास्क लगाना उपयुक्त है। इससे अगर आप संक्रमित हैं तो आप दूसरों को संक्रमित नहीं करेंगे और यदि दूसरा संक्रमित है तो उससे आपको संक्रमण नहीं लगेगा। मुंह, आंख और नाक से संक्रमण जाता है। ये भी बचाव का मजबूत तरीका है।

लॉकडाउन के पहले दिन से ही पहन रहे गमछे का मास्क
प्रतापगढ़ में रानीगंज कैथोला थानाक्षेत्र के देल्हूपुर गांव के सुनील सिंह ने 'भाषा' से टेलीफोन पर बातचीत में कहा, ''साफ सुथरे गमछे का कोई विकल्प नहीं हो सकता। यह हर जगह काम आता है। अब कोरोना के खिलाफ जंग में भी इसकी उपयोगिता साबित हो गयी है।'' इसी तरह सांगीपुर के लल्लू सोनी ने कहा, ''महाराज, गमछा गरीब को भगवान का दिया पहनावा है। यह हर जगह फिट है। हम सभी गांव वाले लॉकडाउन के पहले दिन से ही गमछे का मास्क बनाकर पहन रहे हैं।''

Tamanna Bhardwaj