स्थानीय नेता को टिकट नहीं मिला तो SP-BSP गठबंधन हो जाएगा फेल

punjabkesari.in Wednesday, Feb 06, 2019 - 01:40 PM (IST)

बुलंदशहर: वैसे तो जनपद को भाजपा का गढ़ माना जाता है और ज्यादातर जीत का खाता बाबूजी कल्याण सिंह के आशीर्वाद के बिना संभव नहीं लगता है, परंतु जब से सपा-बसपा गठबंधन हुआ है जनपद के लोगों में नई उम्मीद जगी है कि भाजपा के अलावा भी सपा-बसपा गठबंधन से भी प्रत्याशी जीत सकता है। जिसको लेकर पार्टी के सभी लोग अपने-अपने सर्वे कराने में लगे हुए हैं।

वहीं गठबंधन से जो टिकट मांग रहे हैं उसमें बसपा-सपा और लोकदल तीनों पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों का दावा मजबूत करने में लगी हुई हैं परंतु जनपद के लोगों की पहली पसंद स्थानीय नेता ही होना चाहिए, बाहर के नेता को जनपद के लोग अस्वीकार कर देंगे क्योंकि ज्यादातर लोगों का मानना है कि चुनाव तक तो बाहर के नेता जनपद में किराए के मकान लेकर रहते हैं और जैसे ही चुनाव जीतते हैं फिर उसके बाद गायब हो जाते हैं। इससे 5 वर्षों तक फिर लोगों को नेताओं के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

उदाहरण के तौर पर वर्ष 2009 में जनपद से सपा से कमलेश वाल्मीकि सांसद बने थे, परंतु उनका ज्यादातर समय खुर्जा में ही बीतता था और लोगों को अपने कार्य कराने के लिए नेताओं के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अगर सपा-बसपा गठबंधन किसी बाहरी नेता को हेलीकाप्टर से उतारकर चुनाव लड़ने का सपना देख रहे हैं तो जनपद के लोग बाहरी नेता को अस्वीकार कर देंगे और एक बार फिर से जनपद की सीट भाजपा के खाते में जाएगी जिससे गठबंधन को बड़ा झटका लगेगा। जनपद के लोगों की पहली पसंद उनके बीच का ही नेता होना चाहिए जिसकी छवि अच्छी हो।

Anil Kapoor