पत्नी की उम्र अगर 18 वर्ष तो वैवाहिक दुष्कर्म अपराध नहीं: हाईकोर्ट

punjabkesari.in Sunday, Dec 10, 2023 - 12:50 PM (IST)

प्रयाणराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वैवाहिक दुष्कर्म से संबंधित एक मामले में सुनवाई करते हुए अपनी विशेष टिप्पणी में कहा कि जहां पत्नी की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है वहां आईपीसी की धारा 377 के तहत अप्राकृतिक यौन संबंध का मामला नहीं बनता है। कोर्ट ने आगे कहा कि आईपीसी की उक्त धारा के तहत दोषसिद्धि के संबंध में इतना ही कहा जा सकता है कि इस देश में अभी तक वैवाहिक दुष्कर्म जैसा कोई अपराध नहीं बनाया गया है। इस संबंध में कुछ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है, जब तक उन याचिकाओं पर कोई निर्णय नहीं आता, तब तक कोर्ट के समक्ष वैवाहिक दुष्कर्म के लिए कोई आपराधिक दंड नहीं है।



एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष टिप्पणी
उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकलपीठ ने संजीव गुप्ता को आईपीसी की धारा 377 के तहत आरोप से बरी करते हुए पारित किया है। हालांकि पीठ ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दर्ज आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत आरोपी के लिए पति की  दोषसिद्धि और सजा को कायम रखा है। मामले के अनुसार जुलाई 2012 में आरोपी का विवाह शिकायतकर्ता के साथ हुआ। फिर पति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी के साथ मौखिक दुर्व्यवहार शारीरिक हिंसा और अप्राकृतिक यौनाचार किया।



अगस्त 2013 में शिकायतकर्ता ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत पुलिस स्टेशन लिंक रोड, गाजियाबाद में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में पीड़िता ने विशेष रूप से पति द्वारा उसके निजी अंगों को नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। हाईकोर्ट के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दाखिल करते हुए आरोपी (पति) ने तर्क दिया कि विचाराधीन प्राथमिकी निराधार आरोपों से भरी है। पीड़िता ने उक्त प्राथमिकी अपने परिवार के दबाव में दर्ज करवाई है। पति के अधिवक्ता ने यह भी बताया कि पीड़िता की यह दूसरी शादी थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही वह अपने मायके चली गई थी।

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Ajay kumar