वाह रे अखिलेश राज: रिश्वत न मिलने पर दारोगा ने पीड़ित के तोड़े हाथ

punjabkesari.in Friday, Nov 04, 2016 - 03:12 PM (IST)

बहराइच: जहां एक तरफ प्रदेश के डीजीपी पुलिस कर्मियों को जनता के साथ बेहतर व्यवहार करने की नसीहत देते हुए आमजन को त्वरित न्याय दिलाने की बात कहते हैं वहीं दूसरी ओर सूबे के पुलिस कर्मियों पर उनकी बातों का उल्टा असर होता दिखाई दे रहा है। ऐसा ही एक मामला जनपद बहराइच में देखने को मिला। जहाँ पर देहात कोतवाली में तैनात एक दारोगा को जब मनमाफिक रिश्वत देने में पीड़ित ने असमर्थता जतायी तो नाराज दारोगा ने उसके हाथ के दोनों पंजों को मरोड़कर तोड़ दिया और जमकर पीटा। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की है जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच सीओ को सौप कार्रवाई की बात कही है।

जिले के देहात कोतवाली इलाके के रहने वाले शिवकुमार का किसी बात को लेकर अपने भाई से विवाद हो गया था जिसकी शिकायत उसने कोतवाल से की। हल्के के दारोगा ब्रह्मानन्द ने दोनों पक्षों पर शांति भंग की कार्रवाई करते हुए थाने पर बुलाया। पीड़ित शिवकुमार का कहना है कि जब वो कोतवाली पहुंचा तो वहां मौजूद बेडनापुर इंजार्ज ब्रह्मानंद ने दोनों लोगो में सुलह के लिये पांच हजार रूपये की मांग की और जब उसने रूपये देने में असमर्थता बतायी तो नाराज दारोगा ने उसके दोनों हाथ के पंजों को मरोड़ दिया जिससे उसके दोनों पंजे टूट गए। पीड़ित के दोनों पंजे टूट गये है और हाथों में काफी सूजन भी है। पीड़ित पुलिस अधीक्षक को अपने साथ हुयी बर्बरता को बताने के लिए उनके कार्यालय पे आया है जहाँ पर कप्तान साहब ने उसे न्याय का भरोसा दिलाते हुए उसे सान्त्वना दी।

वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक सालिकराम वर्मा का कहना है कि एक व्यक्ति ने दारोगा पर मारपीट के आरोप लगाए है मामले की गंभीरता को देखते हुए दारोगा को निलंबित कर जांच सीओ स्तर के अधिकारी से कराई जा रही है।

प्रदेश में गरीबों से हमदर्दी दिखाने वाली अखिलेश सरकार में गरीब, पीड़ित ही मुसीबत में दिखाई दे रहे हैं। मित्र पुलिस लोगों को न्याय दिलाने की बजाय उन्हीं पर जुल्म कर रही है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब इंसाफ दिलाने वाला ही जुल्म ढ़ाने लगे तो न्याय की उम्मीद करना बेमानी साबित हो जाता है। 

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