रक्षाबंधन पर मिसाल बना इस मुस्लिम भाई बहन का प्यार, जिसने भी सुना कहा 'वाह'
punjabkesari.in Monday, Aug 27, 2018 - 02:16 PM (IST)
कानपुरः रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी कलाई पर बहनों से राखी बंधवा कर उनकी रक्षा का वचन देते हैं, लेकिन कानपुर में एक अविवाहित बहन ने अपने भाई के जीवन की रक्षा के लिए अपनी किडनी उसे दे दी है। चिकित्सा जगत ने भाई-बहन के इस प्यार और बलिदान से उन लोगों को सीख लेने की अपील की है जो अपने सगे संबंधियों के लिए भी अंगदान करने से डरते हैं।
जिले के एक मुस्लिम परिवार में अब भाई बहन के प्यार और त्याग की अद्भुत मिसाल देखने को मिली है। इस परिवार की बेटी गजाला अभी अविवाहित है। उसे जब पता चला कि उसके भाई आमिर की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं और जल्दी ही नई किडनी नहीं लगायीं गई तो आमिर का बचना मुश्किल है। रक्षा बंधन के ठीक पहले गजाला ने भाई के प्राणों की रक्षा का संकल्प लिया और आमिर का इलाज कर रहे डॉ. देशराज गुर्जर से पूछा कि क्या वो अपनी किडनी भाई को दे सकती है।
डॉ. देशराज गुर्जर ने गजाला का रक्त परीक्षण किया और गजाला को इसकी अनुमति दे दी। गजाला अभी अविवाहित है। उसके लिए ये चिन्ता की बात हो सकती थी कि भाई एक किडनी देने के बाद उसकी शादी में अड़चने आ सकती हैं। लेकिन गजाला के लिए भाई के प्राणों की रक्षा से बढ़कर कुछ और नहीं था। हालांकि डॉ. गुर्जर से बातचीत के बाद गजाला समझ चुकी थी कि एक किडनी देने के बाद भी वो सामान्य जीवन जी सकेगी।
बस फिर क्या था बहन गजाला ने अपना फर्ज पूरा कर दिया। अब बारी आमिर की है। उसका कहना है कि उसकी ये नयी जिन्दगी बहन की दी हुई है। वो जीवन पर बहन के उपकार को नहीं भूलेगा और ताउम्र उसकी सेवा करेगा। गजाला और आमिर हालांकि मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं लेकिन रक्षाबन्धन के मौके पर उनका आचरण एक मिसाल है।