नकलविहीन परीक्षा से ही आएगा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: नाईक

punjabkesari.in Sunday, Feb 11, 2018 - 01:14 PM (IST)

कानपुरः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि नकलविहीन परीक्षा से ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। राज्यपाल रविवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में बोल रहे थे।

नकलविहीन परीक्षा कराने की व्यवस्था की जाए
राज्यपाल ने कहा कि परीक्षाओं को सम्पन्न कराने में नकल एक बड़ी चुनौती है। शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए प्रभावी व्यवस्था की जाए। सीसीटीवी के माध्यम से परीक्षा की मॉनीटरिंग की जाए। ससमय परीक्षा का संचालन हो तथा 30 जून तक सभी विश्वविद्यालय अपना परीक्षाफल घोषित करें।

परिणाम वेबसाइट पर शीघ्र उपलब्ध हो
उन्होंने कहा कि उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन कार्य में अधिकाधिक पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जाए। पूर्व में दीक्षांत समारोह समय एवं नियमित रूप से न होने पर विद्यार्थियों को उपाधि मिलने में विलंब होता था। परिणाम घोषित होने के बाद ई-गवर्नस के माध्यम से यह सुनिश्चित होना चाहिए कि छात्रों को परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर शीघ्र उपलब्ध हो।

दीक्षांत समारोह की समयसारिणी घोषित
नाईक ने कहा कि दीक्षांत समारोह की वर्ष 2018-19 की समयसारिणी घोषित कर दी गई है। सत्र 2018-19 में सम्पन्न होने वाले सभी दीक्षान्त समारोह 15 नवंबर तक प्राथमिकता के आधार पर सम्पन्न हो। दीक्षांत समारोह की सम्भावित तिथि 21 अगस्त से 12 नवंबर तक की समयसारिणी सभी कुलपतियों को उपलब्ध करा दी गई है।

शिक्षकों को मानदेय के रूप में रखने का निर्णय
उन्होंने कहा कि दिसंबर-जनवरी में खराब मौसम के कारण कई बार दीक्षांत समारोह में उपस्थित होने में कठिनाई होती थी। विश्वविद्यालय शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए समीक्षा करते हुए प्रभावी कदम उठाया जाना चाहिए। अध्यापकों के रिक्त पद भरने में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानदेय के रूप में रखने का निर्णय लिया गया है।