दारुल उलूम में देवबंदी विचारधारा के दोनों गुटों के अध्यक्षों को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
punjabkesari.in Thursday, Oct 15, 2020 - 02:14 PM (IST)
सहारनपुरः उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में देवबंदी विचारधारा के सामाजिक और धार्मिक संगठन के दोनो गुटों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। संस्था की ओर से बुधवार को जारी बयान के मुताबिक दारूल उलूम ने पूर्व में नायब मोहतमिम पद पर कार्य कर चुके औॅर जमीयत उलमाएं हिंद के एक धड़े के अध्यक्ष मौलाना कारी उस्मान को संस्था का कार्यवाहक मोहतमिम नियुक्त किया गया।
बता दें कि मौलाना अरशद मदनी को संस्था का एकेडमिक विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह पद पिछले माह मौलाना सईद अहमद पालनपुरी के कोरोना संक्रमण से निधन के बाद से रिक्त था। इस पद पर मौलाना अरशद मदनी के पिता एवं जाने-माने स्वतंत्रता सग्राम सैनानी मौलाना हुसैन अहमद मदनी भी रह चुके हैं। जिन्हें 1954 में पहला बड़ा नागरिक सम्मान पदम विभूषण मिला था। मौलाना अरशद मदनी दारूल उलूम के हदीस के वरिष्ठ उस्ताद के पद पर तीन दशक से भी ज्यादा से कार्यरत है।
दारूल उलूम की प्रबंध समिति की बैठक में इन दो नियुक्तियों के अलावा दो और महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां की गई है। संस्था के कुलपति मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी को शेखुल हदीस के महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी भी दी गई है। प्रबंध समिति ने शामली जिले के कांधला कस्बे के गांव गढी दौलत के मदरसा जामिया बदरूल के प्रमुख मौलाना आकिल कासमी को मजलिशे शूरा का सदस्य मनोनीत किया है। अब संस्था में सभी 21 सदस्यों की नियुक्तियां पूरी हो चुकी है।