हार की हताशा में मुझे गाली देने में जुटे हुए हैं महामिलावटी लोग: PM मोदी

punjabkesari.in Tuesday, May 14, 2019 - 12:47 PM (IST)

बलिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलिया में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा कि महामिलावट वाले, सपा हो, बसपा हो, कांग्रेस हो, ये मोदी को गाली देने में जुटे हैं। ऐसा कोई दिन नहीं है, जब मोदी के लिए इनके मुंह से गाली नहीं निकलती है। मैं पैदा भले ही अति पिछड़ी जाति में हुआ हूं, लेकिन मेरा लक्ष्य पूरे देश को दुनिया में अगड़ा बनाने का है।

उन्होंने कहा कि मैं तो मां, बहनों और बेटियों के सम्मान में खड़ा हूं। मैं गरीब के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए खड़ा हूं। मैं समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त करने के लिए जुटा हूं। ये महामिलावटी लोग पूछ रहे हैं कि मोदी की जाति क्या है? मोदी ने कहा कि बुआ-बबुआ दोनों मिलकर जितने साल मुख्यमंत्री नहीं रहे, उससे कहीं ज्यादा समय मैं गुजरात का सीएम रहा हूं। मैंने अनेक चुनाव लड़े और लड़ाए हैं, लेकिन कभी अपनी जाति का सहारा नहीं लिया।

मोदी ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि आपकी संतान भी, आपकी तरह पिछड़ी हुई जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो। मैं नहीं चाहता कि आपकी संतानों को विरासत में पिछड़ापन मिले। मैं नहीं चाहता कि आपके बच्चों को विरासत में गरीबी मिले। पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस दयनीय स्थिति को मुझे बदलना है। मैंने गरीबी को, पिछड़ेपन को भुगता है। जो दर्द आप आज सह रहे हैं, वो मैंने खुद सहे हैं। मैं मेरा पिछड़ापन, मेरी गरीबी दूर करने नहीं, आपके लिए जीता हूं, आपके लिए जूझता हूं। इसलिए मुझे विश्वास है कि इस परिस्थिति को बदलने में हम सफल होंगे।

उन्होंने कहा कि महामिलावटी लोगों ने कैसी राजनीति की है, सत्ता के नाम पर कैसे आपको धोखा दिया है, लूटा है, आप इसे भली-भांति जानते हैं। इन लोगों ने जाति की राजनीति के नाम पर अपने और अपने रिश्तेदारों के लिए बंगले खड़े किए हैं, महल बनाए हैं। इन्होंने नामी और बेनामी संपत्ति का अंबार लगाया है, जिनका पूरा हिसाब एजेंसियां ले रही हैं।यही कारण है कि कभी एक दूसरे को पानी पी-पी कर भद्दी-भद्दी गालियां देने वाले आज महामिलावट करने पर मजबूर हैं।

मोदी ने कहा कि बलिया जिस प्रकार गुलामी के खिलाफ बागी हुआ, वैसे ही मोदी भी गरीबी से लड़ते-लड़ते गरीबी के खिलाफ ही बागी हो गया। मेरी जाति गरीबी है और इसलिए मैंने गरीबी के खिलाफ बगावत की है। मैंने अपनी मां को रसोई में धुएं से जूझते हुए देखा है। शौचालय न होने की वजह से घर और आस-पड़ोस की महिलाओं को पीड़ा सहते देखा है। बरसात के मौसम में टपकती छत के कारण दिन-रात जागते परिवारों को देखा है। पैसे के अभाव में इलाज के लिए गरीब के खेत बिकते देखा है। मिट्टी के तेल की ढिबरी में पढ़ाई कितनी मुश्किल होती है, मुझे पता है। यही वो अनुभव थे जिन्होंने मुझे गरीबी के खिलाफ बगावत के लिए प्रेरित किया।

Anil Kapoor