पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में चेतावनी दौड़ का आयोजन, बड़ी संख्या में नागरिक  सम्मिलित

punjabkesari.in Sunday, Jun 17, 2018 - 12:59 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के आह्वान पर 1090 चौराहे से राजीव चौक तक हजारों लोगों ने चेतावनी दौड़ में सम्मिलित होकर केन्द्र सरकार के पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के आदेश का जोरदार विरोध किया।  1090 चौराहे से प्रारंभ हुई चेतावनी दौड़ का नेतृत्व भारतीय वायु सेना के सेवा निवृत एअर मार्शल आर के दीक्षित ने किया। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 17 जून 1995 को पहली बार संविधान संशोधन कर पदोन्नति में आरक्षण दिया गया था, इसलिए 17 जून को देश भर में सभी प्रान्तों की राजधानियों में काला दिवस मनाया जा रहा है और विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। 

लखनऊ में चेतावनी दौड़ का आयोजन किया गया। चेतावनी दौड़ में बड़ी संख्या में कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक, अधिवक्ता, छात्र, बुद्धिजीवी और आम नागरिक सम्मिलित हुए। चेतावनी दौड़ प्रारंभ होने के पहले सभी प्रतिभागियों ने शपथ ली कि 21वीं शताब्दी में सशक्त भारत का सपना साकार करने के लिए पदोन्नति में आरक्षण का हर स्तर पर प्रबल विरोध किया जायेगा। 

यह भी निर्णय लिया गया कि जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर मांग की जाएगी कि वे या तो केन्द्र सरकार से पदोन्नति में आरक्षण का आदेश वापस कराएं अन्यथा त्याग पत्र दें। दीक्षित ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के पहले जारी घोषणा पत्र में यह उल्लेख नहीं किया था कि सत्ता में आने के बाद पदोन्नति में आरक्षण दिया जाएगा। घोषणा पत्र से इतर जाकर पदोन्नति में आरक्षण देने का आदेश जारी करना जनता के साथ विश्वासघात है। वोट की सस्ती राजनीति के लिए पदोन्नति में आरक्षण लागू करने की वोट की राजनीति का देश के तीन करोड़ कर्मचारी और उनके परिवार वोट से ही करारा जवाब देंगे।  

उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय की गलत व्याख्या की है। उच्चतम न्यायालय के अनुसार एम नागराज मामले में दिये गये तीन बाध्यकारी कारणों को नजरअंदाज कर पदोन्नति में आरक्षण देना असंवैधानिक है। इस प्रकार केन्द्र सरकार का 15 जून का आदेश पूरी तरह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए केन्द्र सरकार चार बार संविधान संशोधन कर चुकी है। 

कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों का संकल्प है कि अब पांचवी बार संविधान संशोधन नहीं होने दिया जायेगा। समिति ने ऐलान किया कि पदोन्नति में आरक्षण लागू करने की केन्द्र सरकार की नीति के विरोध में उच्चतम न्यायालय से सड़क तक जन आन्दोलन चलाया जायेगा।  चेतावनी दौड़ में सम्मिलित लोग टी-शर्ट पहने थे जिसपर लिखा था, पदोन्नति में आरक्षण-स्वीकार्य नहीं स्वीकार्य नहीं और ज्येष्ठता व श्रेष्ठता का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 15 जून को पदोन्नति में आरक्षण देने का आदेश जारी किया था। इसमें राज्य सरकारों को भी पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए कहा गया है। उत्तर प्रदेश समेत देश भर के तमाम कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों में केन्द्र सरकार के इस आदेश से काफी आक्रोश व्याप्त है। 

Ruby