अस्पतालों में लापरवाही का आलम बरकरार, बच्चे की मौत के बाद भी नहीं दी एंबुलेंस

punjabkesari.in Friday, Aug 18, 2017 - 12:45 PM (IST)

चित्रकूट(यूपी): उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में जिला चिकित्सालय में लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही के कारण एक और मां ने अपने पुत्र को हमेशा के लिए खो दिया है। अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद भी मौजूद स्टाफ ने उसकी सहायता करना उचित नहीं समझा और एंबुलेंस न मिलने पर महिला को मजबूरन अपने बच्चे के शव को गोद में लेकर जाना पड़ा।

जानकारी के अनुसार पूरा मामला चित्रकूट के मऊ क्षेत्र का है। जहां के पाली मजरा परदवां निवासी राधेश्याम मिश्र के ढाई वर्षीय पुत्र अभय को गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय में बीती रात को भर्ती कराया गया था। दंपत्ति का आरोप है कि आधी रात को उसके बच्चे की हालत बहुत खराब हो गई थी। इसकी जानकारी उन्होंने वहां मौजूद स्टाफ को दी। इस पर स्टाफ ने कहा कि ग्लूकोज की बोतल चढ़ रही है। इससे ज्यादा यहां कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि इस समय यहां पर कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है।

पीड़िता की मां का कहना है कि उसने अंत में बच्चे का इलाज कहीं और कराने का मन बनाया। जैसे ही वह वार्ड में गई तभी बच्चा हमेशा के लिए शांत हो गया। इसकी जानकारी होने के बावजूद मौजूद स्टाफ ने शव को घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था कराने में कोई रुचि नहीं ली। एंबुलेंस न मिलने पर वह अपने बच्चे के शव को कंधे पर लादकर पति के साथ गांव को चल दी। करीब 1 किमी तक की दूरी तय करने के बाद वह बाइक सवार परिजनों के साथ गांव को गई।
 

वहीं इस मामले में सीएमएस डा. एनके गुप्ता का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। यदि शव के लिए एंबुलेंस की मांग की जाती तो उन्हें जरूर वाहन उपलब्ध कराया जाता है। जहां तक बात स्टाफ की लापरवाही की है तो वे जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।