देखिए, कैसे यूपी के इस गांव में जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जाते हैं बच्चे

punjabkesari.in Thursday, Jul 11, 2019 - 01:28 PM (IST)

फर्रुखाबादः आज भले ही देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू है, लेकिन दूर दराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षा हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है।

शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए योगी सरकार ने भले ही बच्चों के लिए अनेक सुविधाए दी हैं, लेकिन जिले में एक ऐसा स्कूल है जहां का नजारा सारी सुविधाओं से परे नजर आया। यहां पर नौनिहाल जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं।

विकास खंड राजेपुर के ग्राम तीसराम की मडैया के ग्राम से जिले के अधिकारी सालों वाकिफ हैं और आलाधिकारी सैकड़ों बार निरीक्षण कर चुके, लेकिन ग्राम का हाल बदहाल ही है। ग्राम गंगा नदी के सामने मुहाने पर बसा हुआ है।

पिछले कई सालों में ग्राम के 3 दर्जन से अधिक मकान गंगा नदी में समां गए और गंगा में फिर से शुरू हुए कटान से ग्राम एक मात्र प्राथमिक स्कूल भी गंगा ने अपनी चपेट में ले लिया है।

प्राथमिक स्कूल के पास स्कूल की पिछली दीवार गंगा के कटान से गिर गयी है और स्कूल गंगा में किसी भी समय पर समां सकता है, लेकिन ग्रामीणों के पास और स्कूल न होने के चलते जान जोखिम में डाल कर अपने नौनिहालों को मजबूरन स्कूल भेज रहे हैं। स्कूल में महज दो टीचर ही पढ़ाने जाते हैं।

गंगा के किनारे मुहाने पर बसे इस स्कूल को बचाने की जिला प्रशसन कोई पहल करता तो शायद स्कूल बच जाता, लेकिन जब गंगा नदी ने स्कूल के आधे हिस्से को गंगा की धारा ने निगल लिया।

जिसके चलते जिला प्रशसन ने अब सिचाई विभाग की तरफ से किनारों पर लकड़ी की बल्लियां गाड़ कर सिर्फ एक विभागीय कार्रवाई के सिवाए कुछ भी नहीं किया।

Tamanna Bhardwaj