यूपी में भूमाफियाओं के हौंसले बुलंद, महल तक बेच डाला

punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2017 - 10:12 AM (IST)

मेरठः भले ही प्रदेश में सरकारें बदलती रहे पर भू-माफियाओं के हौंसलों को चुनौती देना मुश्किल है। एेसा हम अपनी तरफ से नहीं बल्कि मेरठ की एक घटना के चलते कह रहे है। जहां भू-माफिया ने बड़ी ही निडरता से एक विरासतीय महल को ही बेच डाला है।

उल्लेखनीय है कि मेरठ में नादिर अली का महल इतिहास में अपनी अलग पहचान कायम किए हुए है। पर आजकल यह भू-माफियाओं द्वारा बेचने के चक्कर में चर्चित है। बता दें नौचंदी थाने के पीछे नादिर अली का महल है। इस महल में ही आरएफसी यानि संभागीय खाद्य नियंत्रक का दफ्तर भी चलता है।

इस महल और उसके आसपास की जमीन 13 हजार 612 वर्ग मीटर है। आरोप है कि इसके ​मुतवल्ली आफताब अहमद ने कई साल पहले एक बिल्डर और कई अन्य को करोड़ों रूपये में बेच दिया था और फ़र्ज़ी बैनामा कराकर करोड़ो रूपए डकार लिए।

इस मामले में वर्षों पहले तत्कालीन आरएफसी दफ्तर के अधिकारियों ने शासन को अवगत भी कराया था, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में ही रहा। वहीं अब मेरठ के कमिश्नर डॉक्टर प्रभात कुमार के आदेश पर ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अब नौचंदी मैदान स्थित महल में स्थित संभागीय खाद्य नियंत्रक और कम्पाउंड की करोड़ों रुपए की ज़मीन बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज कराया है। सोमवार को इस मामले को लेकर नादिर अली के परपोते मेरठ के ज़िलाधिकारी से मिले।

हालांकि 1931 में नादिर अली और उनके पार्टनर ने इस महल को वक्फ को दे दिया गया। इसी में आरएफसी का दफ्तर भी खोला गया लेकिन अब भूमाफिया और मुतवल्ली से साठगांठ से महल और करोड़ों की जमीन बेच दी गई। जानकारी कमिश्नर प्रभात कुमार को हुई तो उन्होंने मुतवल्ली आफताब के अलावा अन्य एक और के खिलाफ फ़र्ज़ी तरीके से वक्फ की जमीन को बेचने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मामले की दोबारा जांच करने पर भी जमीन वक्फ की ही निकली।

पहली जांच में ये सारी ज़मीन वक्फ बोर्ड की ही पाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर मुतवल्ली आफताब और फाईज़ आफताब के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।