किसान आंदोलन एवं त्योहारों के मद्देनजर लखनऊ में 28 फरवरी तक धारा-144 लागू

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 10:38 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों/भारतीय किसान संगठनों द्वारा कमिश्नरेट लखनऊ क्षेत्र में किसान आन्दोलन/धरना प्रदर्शन के दौरान शांति-व्यावस्था भंग होने की आशंका के चलते 28 फरवरी तक धारा 144 लागू कर दी गई है। लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) नवीन अरोरा ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों/भारतीय किसान संगठनों द्वारा कमिश्नरेट क्षेत्र में किसान आन्दोलन/धरना प्रदर्शन करने की प्रबल सम्भावना है, जिससे शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रभाव जन जीवन को व्यापाक रूप से प्रभावित कर रहा है। आगामी दिनों में बसन्त पंचमी,ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी गरीब नवाज,हजरत अली का जन्म दिवस, तथा सन्त रविदास जयंती के अवसर पर भी असामाजिक तत्वों द्वारा शान्ति व्यवस्था भंग की जा सकती है, जिससे कटुता बढ़ने व लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध होने की प्रबल आशंका हैं। जिसको रोकने तथा कार्यक्रमों में व्यवस्था भंग होने से बचाने के उद्देश्य से दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रतिबन्धात्मक आदेश पारित किए है।

अरोरा ने बताया कि कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर समस्त सामाजिक/शैक्षिक/खेल/मनोरंजन/सांस्कृतिक/धार्मिक/राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों की अनुमति निम्न प्रतिबन्धों के अधीन होगी। किसी भी बन्द स्थान, हाल/कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत लेकिन एक समय में अधिकतम 200 व्यक्तियों तक तथा किसी खुले स्थान/मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के अनुसार फेस-मास्क का प्रयोग, सोशल-डिस्टेन्सिंग का अनुपालन तथा थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने/सेनेटाइजर की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ या संयुक्त पुलिस आयुक्त या पुलिस उपायुक्तों की पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना न तो 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस निकालेगा न ही सार्वजनिक स्थान पर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनाएगा और न ही किसी समूह में सम्मिलित होगा। (विवाह, उत्सव व शव यात्रा सम्बन्धी जुलूस तथा उ0प्र0 शासन के विभिन्न विभागों के प्रबान्धाधीन प्रेक्षाग्रहों के अन्दर आयोजित सांस्कृतिक व एकेडमिक कार्यक्रम प्रतिबन्ध से मुक्त रहेगें। उन्होंने बताया कि कोई भी दुकानदार न तो ऐसे धातु के तार का विक्रय करेगा और न ही कोई व्यक्ति ऐसे तार में पतंग बांधकर उड़ायेगा जिससे ट्रांसफॉर्मर जल जाने अथवा तार सकिर्ट की सम्भावना हो।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिला मैजिस्ट्रेट, अधोहस्ताक्षरी या क्षेत्रीय कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना लाउडस्पीकर अथवा अन्य किसी प्रकार के ध्वनिवर्धक यन्त्रों/साधनों का प्रयोग किसी भी कार्य के लिए नही करेगा। किसी धार्मिक स्थल/सार्वजनिक स्थल/जुलूसों/अन्य आयोजनों पर लाउड-स्पीकर की ध्वनि की तीव्रता के सम्बन्ध में ध्वनि-प्रदूषण(विनियम और नियंत्रण), नियम-2000 यथा संशोधित के प्राविधानों का अनुपालन आवश्यक होगा रात्रि 22:00 बजे से प्रात: 06:00 बजे से पूर्व किसी भी प्रकार के ध्वनिवर्धक यंत्र/साधन का प्रयोग नहीं किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिला मैजिस्ट्रेट, अधोहस्ताक्षरी या क्षेत्रीय कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना कोई प्रचार कार्य नहीं करेगा न ही किसी कार्यक्रम आयोजन में ध्वनिवर्धक यन्त्रों, साधनों को बिजली अथवा टेलीफोन के खम्भों में बांधेगा और न ही कार्यक्रम स्थल के बाहर कोई ध्वनि विस्तारक यंत्र लगायेगा। आरोरा ने बताया कि नगर पश्चिमी क्षेत्र की सीमा के अन्दर कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पुतला नहीं जलायेगा और न ही ऐसा आचरण प्रस्तुत करेगा जिससे किसी प्रकार शान्ति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका हो। उन्होंने बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभावी होगा तथा बीच में वापस न किया गया तो 28 फरवरी तक लागू रहेगा। इस आदेश अथवा इस आदेश के किसी अंश का उल्लंघन करना भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के तहत दण्डनीय अपराध है। 
 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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