फूलन देवी का अपहरण करने वाले इनामी डाकू छेदा सिंह की इलाज के दौरान मौत

punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2022 - 06:09 PM (IST)

इटावा: सैफई मेडिकल यूनीवसिर्टी में इलाज के दौरान इनामी डाकू छेदा सिंह की मौत हो गई है। टीवी रोग से मौत के शिकार बने छेदा सिंह पर चंबल की खूंखार महिला डाकू फूलन देवी का अपहरण करने का आरोप था। इटावा जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा.रामधनी ने आज यहॉ यह जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि छेदा सिंह की मौत आज शाम सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में टीवी रोग के इलाज के दौरान हो गई है। पचास हजार के इनामी छेदा सिंह को औरैया पुलिस ने 26 जून को गिरफ्तार किया था। 27 जून को इटावा जेल में दाखिल किए जाने के वक्त छेदा सिंह की तबियत बिगड़ गई जिसके बाद छेदा सिंह को सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती करा दिया गया जहां आज शाम उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। मौत का शिकार बना छेदा सिंह औरैया जिले के अयाना के भासौन गांव का रहने वाला था।

फूलन देवी का किया अपहरण
छेदा सिंह ने लालाराम गैंग के सकिय्र सदस्य रहते हुए 1981 में फूलन देवी का अपहरण किया था। गिरफ्तारी के समय डाकू छेदा सिंह 50 हजार का इनामी था जिसको 24 साल बाद गिरफ्तार किया गया था। डाकू छेदा सिंह साधु वेष में चित्रकूट के एक मठ में छिपा था। छेदा सिंह पर आरोप है कि 1981 में बेहमई कांड से पहले जब फूलन देवी का अपहरण विक्रम मल्लाह के ठिकाने से किया गया था तो छेदा सिंह भी उसमें शामिल था। लालाराम गैंग खत्म होने के बाद धीरे-धीरे गैंग समाप्त होने लगा तो नाम और हुलिया बदलकर चित्रकूट में रहने लगा। चित्रकूट में वह पहले काशी घाट में रहा और अब दस सालों से जानकी कुंड के आराधना आश्रम में सेवादार के रूप में काम करने लगा। छेदा सिंह के खिलाफ विभिन्न थानों में 21 मुकदमे दर्ज थे। उसके पास से बृजमोहन दास, चित्रकूट के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी व राशन कार्ड बरामद हुए हैं।


कुख्यात लालाराम के लिए चलाता था अपहरण उद्योग
छेदा सिंह चंबल इलाके के कुख्यात लालाराम के लिए अपहरण उद्योग भी चलाता था। छेदा सिंह का नाम 1981 में बेहमई कांड से पहले फूलन देवी का अपहरण में भी आया था। इसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। उसने आप को कागजों मे मार दिया है। मगर परिवार के दावों पर पुलिस को यकीन नहीं था। 24 साल बाद साधु बनकर रह रहे छेदा सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।


डकैतों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान भाग निकला था
चंबल में जब डकैतों के खिलाफ अभियान चल रहा था, तब छेदा सिंह वहां से भाग निकला था। वह मध्यप्रदेश के सतना में जाकर रहने लगा था। यह वह साधु बन गया था। सतना में वह बृजमोहन दास महाराज के नाम से रह रहा था। छेदा सिंह यहां भगवद् आश्रम में रहता था। उसकी उम्र 69 साल थी। छेदा सिंह अविवाहित था। छेदा सिंह 20 साल की उम्र में अपने घर से फरार हो गया था। वह लालाराम गिरोह मे शामिल हो गया था। लालाराम के साथ ही चंबल में अपहरण करने का काम करता था। साथ ही फिरौती के रूप में मोटी रकम वसूलता था। उसके खिलाफ कुल 24 केस दर्ज है। 2015 में पुलिस ने आरोपी छेदा सिंह के खिलाफ 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।                               

 


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Content Writer

Ajay kumar

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