गंदी वीडियो दिखाकर मासूम को जंगल ले गए हैवान! दुष्कर्म के बाद की थी हत्या— अब कोर्ट ने सुनाई दरिंदों को ऐसी सजा जो सारी उम्र रहेगी याद
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 01:38 PM (IST)
Sambhal News: उत्तर प्रदेश में संभल जिले की एक अदालत ने 7 वर्ष पुराने 8 वर्षीय मासूम बच्चे के दुष्कर्म और हत्या के दर्दनाक मामले में 2 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों दोषियों पर कुल 1.13 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
कैसे हुई थी वारदात?
यह घटना 2019 के नवंबर महीने की है। संभल जनपद के हयातनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले दानिश (पुत्र जमील) और बाबू उर्फ बाबूराम (पुत्र रामप्रसाद) ने एक 8 साल के बच्चे को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए थे। दोनों ने पहले बच्चे को मोबाइल में अश्लील तस्वीरें और वीडियो दिखाए। इसके बाद बहाने से उसे अपने घर ले गए और फिर जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। अपराध को छिपाने के लिए दोनों ने बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी और उसके शव को जंगल में एक पेड़ के नीचे दबा दिया।
6 दिन बाद ऐसे मिला सुराग
जब बच्चा देर रात तक घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की। लेकिन कोई पता नहीं चला। 6 दिन बाद गांव में एक आवारा कुत्ता बच्चे की हड्डी मुंह में लेकर घूमता हुआ मिला। ग्रामीणों को शक हुआ और वे जंगल की तरफ गए। वहां एक पेड़ के नीचे मिट्टी खोदने पर बच्चे का शव बरामद हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हत्या का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। एक साल बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई।
कोर्ट का फैसला
न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह ने दोनों दोषियों दानिश और बाबूराम को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई:
धारा 363 (अपहरण):
3-3 साल की जेल + 3,000-3,000 रुपए जुर्माना
न देने पर 10-10 दिन अतिरिक्त जेल
धारा 302/34 (हत्या):
आजीवन कारावास + 50,000-50,000 रुपए जुर्माना
न देने पर 1-1 साल का साधारण कारावास
धारा 201/34 (सबूत छुपाना):
7-7 साल की जेल + 10,000-10,000 रुपए जुर्माना
न देने पर 1-1 महीना जेल
POCSO एक्ट की धारा 6 (गंभीर लैंगिक अपराध):
आजीवन कारावास + 50,000-50,000 रुपए जुर्माना
जुर्माना न देने पर 1 साल का साधारण कारावास
पीड़ित पिता ने फांसी की सजा की मांग की
बच्चे के पिता ने बताया कि उनका बेटा पास की दुकान से पकौड़ी लेने गया था। लौटते समय आरोपियों ने उसे रोककर गंदी वीडियो दिखाई और जंगल की ओर ले गए। पिता का कहना था, कोर्ट ने न्याय तो दिया, लेकिन इतने बर्बर अपराध के लिए दानिश और बाबूराम को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी, ताकि फिर किसी और बच्चे के साथ ऐसा न हो। उन्होंने बताया कि उन्हें बच्चे की मौत का पता तब चला जब एक कुत्ता हड्डी लेकर गांव में पहुंचा और ग्रामीणों ने पहचान की कि वह बच्चे की हड्डी है। बाद में जंगल से बच्चे का सिर अलग जगह दबा हुआ मिला।

