डिप्टी CM दिनेश शर्मा के निर्देश- विवि में शिक्षकों के रिक्त पदों को तेजी से भरा जाए

punjabkesari.in Friday, Jul 02, 2021 - 09:57 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने सभी विश्व विद्यालयों को शिक्षकों के रिक्त पद आरक्षण नियमावली का पालन करते हुए तेजी के साथ भरे जाने के निर्देश दिये हैं। डॉ भीमराव आम्बेडकर विश्व विद्यालय के 95वें स्थापना दिवस के अवसर पर डा शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मेधावी छात्राओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि किसी विश्व विद्यालय की इतनी लम्बी शैक्षिक यात्रा अपने आप में प्रमाणिकता प्रदर्शित करती है। तीन-तीन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा एवं पं दीनदयाल उपाध्याय को विद्या अध्ययन करने का अवसर इस विश्व विद्यालय में मिला। इस विश्व विद्यालय ने लम्बी शैक्षिक यात्रा में एक गौरवशाली इतिहास की संरचना की है।

उन्होंने कहा कि सभी विश्व विद्यालयों को निर्देश दिये गये हैं कि शिक्षकों के रिक्त पद आरक्षण नियमावली का पालन करते हुए तेजी के साथ भरा जाय। शिक्षकों के प्रमोशन लम्बित है, तो उसकों भी निस्तारित किया जाय। किसी भी शिक्षक का प्रमोशन लम्बित नहीं रहना चाहिए। विश्व विद्यालय अपना प्लेसमेंट सेल को मजबूत करे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चार लाख सरकारी नौकरियां दे चुकी है और एक करोड़ से ऊपर अप्रत्यक्ष रोजगार दे चुकें हैं, चाहे वो निजी क्षेत्र की कम्पनी में हो, लघु उद्योग क्षेत्र की कम्पनी में हो, आईटी क्षेत्र की कम्पनी में हो या बैंकों के माध्यम से लोन देकर छोटे-छोटे उद्योग लगाने के क्षे़त्र में रहें हों। करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिली है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि दिसम्बर तक एक लाख सरकारी नौकरियॉ और दे सकें।

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न अभिनव प्रयोग किये गये है। इसके तहत शोध गंगा पोटर्ल, ई-लाइब्रेरी अथवा डिजिटल लाइब्रेरी एवं विभिन्न विशेषज्ञयों के रिकॉर्डिंग एवं लेख आदि अपलोड किये गये हैं, जिससे कोई भी विद्यार्थी अपने पसंदीदा विशेषज्ञ के लेक्चर व लेख को पढ़ सकें। कोरोना काल में सफलतापूर्वक आनलाईन टीचिंग की प्रक्रिया को सम्पादित किया गया।

बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सौ वर्षों के इतिहास में प्रथम बार हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रमोट करने की प्रक्रिया को अपनानी पड़ी। सत्र अनियमित न हो इसके लिये प्रयास किया गया है कि परीक्षायें हर हाल में 15 अगस्त तक समाप्त हो जानी चाहिए। हम फाइनल रिजल्ट की परीक्षा करा रहें हैं, तीन घण्टे की परीक्षा को कई विश्व विद्यालय डेढ़ घण्टे में सम्पदित कर रहें हैं और उनमें वैकल्पिक प्रश्नों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे कम समय में ज्यादा प्रश्न हल करने की प्रवृत्ति विद्यार्थी में विकसित हो, ताकि उन्हें भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उन्हें सुगमता हो सकें।        

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार हाईस्कूल व इण्टर के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। एनसीईआरटी के पैटर्न के आधार पर उत्तर प्रदेश की आवश्यकताओं के आधार पर पाठ्यक्रम को रखा गया है। यूपी देश का प्रथम राज्य है, जिसने नई शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से अपनाया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिये बनाई गई कमेटी के साथ कई बार बैठक हो चुकी है और हर माह होने वाली बैठक में कोई न कोई नई चीज को अपनाया जाता है।       

सभी विश्व विद्यालयों में लगभग 70 प्रतिशत् कामन कोर्स हो, इस प्रक्रिया को देने की कोशिस की गई है, ताकि अंकों का क्रेडिट स्थानान्तरित हो सकें तथा एक विश्व विद्यालय में प्रथम वर्ष की पढाई किया हुआ छात्र दूसरे विश्व विद्यालय में प्रवेश लेने के लिये अधिकृत हो सकें। रोजगारपरक बायो टेक्नोलाजी, बायो कमेस्ट्री, नर्सिंग और फार्मेसी के नये कोर्स इस वर्ष शुरू किये गये हैं। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj