22 साल बाद ज़िंदा मिला ग़ाज़ीपुर का इकबाल, बांग्लादेश में कर रहा है मस्जिद की सेवा…परिवार ने वापस लाने से किया इनकार, क्या है मजबूरी?

punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 03:21 PM (IST)

Ghazipur News: ज़िंदगी ने ऐसा मोड़ लिया कि जिसे परिजन 22 साल पहले खो चुके थे, वो आज ज़िंदा मिला लेकिन वतन लौटने की राह में अब मजबूरियां दीवार बन गई हैं। सैदपुर ब्लॉक के इचवल गांव के नइकोट बस्ती के रहने वाले मोहम्मद इकबाल साल 2003 में अचानक लापता हो गए थे। मानसिक रूप से अस्वस्थ इकबाल की तलाश में परिजनों ने गांव से लेकर शहरों तक चप्पा-चप्पा छान डाला, पर कुछ हाथ नहीं लगा। थककर उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई और उम्मीदें धीरे-धीरे बुझ गईं।

बांग्लादेश में मस्जिद में कर रहे सेवा
दो दशक बाद एक एनजीओ और कोलकाता के HAM Radio Club की मदद से इकबाल का सुराग मिला। क्लब के चेयरमैन अंबरीश नग विश्वास ने अपने बांग्लादेशी संपर्कों के ज़रिए इकबाल का ठिकाना पता लगाया वह वर्तमान में बांग्लादेश की एक मस्जिद में सेवादार (caretaker) के रूप में काम कर रहे हैं। जानकारी मिलने पर कोलकाता पुलिस ने खानपुर थाने से संपर्क किया। जब पुरानी गुमशुदगी फाइल खोली गई, तब यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इकबाल ज़िंदा हैं।

परिवार की भावनात्मक मुलाक़ात, लेकिन वापसी मुश्किल
थाने में इकबाल की बहन शबनम ने वीडियो कॉल पर भाई से बात की। वह भावुक हो उठीं, लेकिन लौटाने की बात पर उन्होंने बेबसी जताई। उन्होंने कहा, “अम्मी-अब्बा बीमार हैं, घर की हालत बहुत खराब है। हम खुश हैं कि भाई ज़िंदा हैं, लेकिन उन्हें वापस लाने की हमारी औकात नहीं। जहां भी हैं, खुश रहें यही हमारी दुआ है।”

आर्थिक तंगी बनी सबसे बड़ी दीवार
परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और इकबाल को भारत वापस लाने का खर्च उठाना उनके बस की बात नहीं। पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी इस मामले में आगे के कानूनी रास्ते तलाशने में जुटे हैं।


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Content Editor

Mamta Yadav

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