जैन धर्म का क्षमा चिन्तन सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है : नाईक

punjabkesari.in Thursday, Sep 29, 2016 - 08:25 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि जैन धर्म का क्षमा चिन्तन सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है। क्षमा पर्व पर क्षमा मांगना बड़ी बात है। नाईक आज यहां अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान परिसर में जैन मिलन एवं उत्तर प्रदेश जैन विधा शोध संस्थान द्वारा आयोजित विश्व मैत्री दिवस पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन धर्म का क्षमा चिन्तन हमें सही रास्ते पर चलने की प्ररेणा देता है। स्वयं से जाने-अनजाने में गलती हो जाने पर क्षमा मांगने की प्रवृत्ति होनी चाहिए।   

उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के विचारों को केवल विचारों तक सीमित न रखकर व्यवहार में लाने की जरूरत है। आचार और विचार में अंतर नहीं होना चाहिए। चरैवेति! चरैवेति!! का प्रयास करने वाले ही सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि जिसने अङ्क्षहसा का संदेश दिया, वह स्वयं महावीर है। नाईक ने कहा कि जैन समाज से मेरा पुराना संबंध रहा है। एकत्र रहकर यह समाज अपने सामाजिक सरोकार के माध्यम से बिना अहंकार के प्रेरणा देता है। जैन समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करने हुए उन्होंने कहा कि लगातार 12 साल से जैन समाज सम्मान समारोह का आयोजन करता आ रहा है जो वास्तव में अभिनन्दनीय है। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्यों को निरन्तर चलते रहना चाहिए।  

राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति हजारों साल पुरानी है। अलग-अलग समय पर विभिन्न महापुरूषों ने जन्म लेकर देश की संस्कृति को समृद्ध किया है। समय-समय पर जो विचार आए वो भारतीय संस्कृति की मूल भावना को आगे बढ़ाने वाले हैं। मन को शांति देने वाले विचारों में जैन, बौद्ध और सनातन धर्म का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत वसुधैव कुटुम्बकम यानि पूरा विश्व एक परिवार है की परम्परा पर विश्वास करता है। छोटे मन वाले तेरा-मेरा का विचार करते हैं, लेकिन उदार चरित्र वाले पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जैन धर्म के विचारों को समझने की जरूरत है।