आतंकियों को फांसी की सजा पर जमीयत उलेमा ए हिंद ने जताई नाराजगी, अरशद मदनी बोले- कानूनी लड़ाई रहेगी जारी

punjabkesari.in Saturday, Feb 19, 2022 - 01:34 PM (IST)

सहारनपुर: अहमदाबाद बम धमाके में दोषियों की सजा पर जमीयत उलेमा ए हिंद अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।  मौलाना ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि धमाकों जैसे मामलों में निचली अदालत कठोर फैसला सुनाती है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से हमेशा राहत मिलती है। जमीयत उलेमा ए हिंद अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा हम इसके लिए हाईकोर्ट जाएंगे जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट में भी न्याय के लिए जाएंगे।

मौलाना अरशद मदनी ने अक्षरधाम मंदिर हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि अच्छे वकील से परवी करेंगे तो न्याय जरूर मिलेगा।  उन्होंने कहा कि हमें हाईकोर्ट पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि  अक्षरधाम मंदिर पर हुए हमले में अदालत ने मुफ्ती अब्दुल कय्यूम सहित तीन लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी। चार लोगों को उम्र कैद की। जबकि गुजरात हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। उन्होंने कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने सभी को बाइज्जत बरी कर दिया था। वहीं इस मामले में कोर्ट ने गुजरात पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए फर्जी केस में लोगों को फसाने का दोषी भी माना था।

बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने 49 दोषियों के लिए सजा का ऐलान किया है। इसमें से 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं इस मामले में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के लोग भी शामिल है। जिसमे से शफीकुर्रहमान, मोहम्मद आसिफ, आजमगढ़ के अव्वूबसर को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं मेरठ के अव्दुलरहमान को फांसी हुई है। 


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Ramkesh

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