जन्माष्टमी पर नए ‘घर’ में नया जीवन शुरू करने को लेकर आशान्वित हैं वृन्दावन की विधवाएं

punjabkesari.in Sunday, Sep 02, 2018 - 02:23 PM (IST)

मथुरा/वृन्दावनः दुनिया में अकेले छोड़ दिए जाने के बाद भी भगवान कृष्ण ने वृंदावन की विधवाओं को जीवन जीने का एक लक्ष्य दिया है। ऐसे आशा भरे शब्द किसी नवयौवना के नहीं बल्कि वृंदावन में विधवा का जीवन गुजार रहीं 88 वर्षीय गायत्री देवी का है, जिनके लिए यह जन्माष्टमी त्यौहार ‘घर’ लेकर आया है। मूल रूप से ओडिशा में बिरसा की रहने वाली गायत्री के पति के निधन के बाद 17 साल पहले बच्चों ने घर से बेघर कर दिया।      

जिसके बाद वह यहां बांके बिहारी मंदिर के पास कुछ सालों तक भीख मांगने और अगरबत्ती बेचने के बाद आखिरकार उन्हें ‘कृष्णा कुटीर’ के रूप में अब अपना घर मिल गया है। विधवाओं के लिए 1,000 बिस्तरों की सुविधा वाले इस कुटीर का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को किया। गायत्री देवी ने कहा, ‘‘जब मेरे पति का निधन हो गया, परिवार वालों ने मुझे छोड़ दिया, तब भगवान कृष्ण ने ही मुझे उस बुरे समय में रास्ता दिखाने का काम किया।’’      

उन्होंने कहा कि वृन्दावन के अलावा कोई और जगह नहीं थी जहां जाने के बारे में मैं सोच सकती थी। पति से मिले पहले उपहार, चांदी की अंगूठी बेचकर मैं ट्रेन से वृंदावन आ गयी।’’माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने वृन्दावन में अपना बचपन व्यतीत किया था। यहां रहने वाली करीब 3,000 विधवाओं में से गायत्री भी एक हैं। इनमें से अधिकांश लोग पूरे शहर में स्थित आश्रमों में रहते हैं और जीवन जीने के लिए मंदिरों के बाहर भिक्षाटन करते हैं।      

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल वृंदावन में रहने वाली विधवाओं की दुर्दशा पर संज्ञान लिया था और केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को वृंदावन की विधवाओं के पुनर्वास के लिए सभी कदम उठाने का आदेश दिया था ताकि उन्हें गरिमापूर्ण जीवन मिल सके। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘स्वाधार गृह’ योजना के तहत 1.4 हेक्टेयर भूमि पर ‘कृष्णा कुटीर’ का निर्माण किया है। इस कुटीर में एक बड़ा आधुनिक रसोई घर और विधवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए अन्य चीजों के साथ सिलाई, कढ़ाई, सिखाने के लिए एक कौशल-सह-प्रशिक्षण केंद्र भी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, इमारत के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार ने राशि दिया है और इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।     

Ruby