जौनपुरः पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ रंगदारी की चार्जशीट दाखिल

punjabkesari.in Friday, Aug 07, 2020 - 11:21 AM (IST)

जौनपुरः पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी विक्रम के खिलाफ नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण एवं रंगदारी के मामले में पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ( सीजेएम ) के न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। धनंजय के समर्थकों को उम्मीद थी कि वादी के घटना से मुकरने के बयान के बाद उनको क्लीन चिट मिल जाएगी और न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट दाखिल होगी लेकिन ऐसा हो न सका।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एक माह पूर्व वादी मजिस्ट्रेट को दिए बयान में अपहरण व रंगदारी की बात से मुकर गया था। उसी बयान के आधार पर धनंजय के सहयोगी विक्रम को जमानत भी मिल गई। जमानत मिलने के बाद भी यदि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित धनंजय सिंह के प्रार्थना पत्र को नॉट प्रेस करके दूसरी जमानत अर्जी यहीं पर सेशन कोर्ट में दाखिल की गई होती तो वादी के बयान के आधार पर धनंजय सिंह को भी जमानत मिल सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका और अब किया भी नहीं जा सकता क्योंकि विवेचक ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।

फिलहाल उच्च न्यायालय में धनंजय सिंह की जमानत याचिका पर 7 अगस्त को सुनवाई के लिए तिथि नियत की गई है। अभिनव ने लाइन बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया था कि 10 मई को विक्रम और उसके सहयोगियों द्वारा उसका अपहरण करके धनंजय के आवास पर ले जाया गया जहां धनंजय ने पिस्टल निकाल कर धमकाया और रंगदारी मांगी। आरोपियों ने जबरन गिट्टी बालू की आपूर्ति के लिए दबाव डालते हुए धमकी दिया। वादी की एफआइआर पर आरोपी गिरफ्तार हुए। जेल गए, बाद में वादी एफआइआर में कही गई बातों से मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में मुकर गया और कहा कि धनंजय व विक्रम ने न तो अपहरण कराया न रंगदारी मांगी।

बता दें कि वादी के घटना से मुकरने का फायदा विक्रम को तो मिल गया लेकिन धनंजय चूक गए। सूत्रों की माने तो पहले विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट टी ओ ऑफिस में दाखिल भी कर दी थी बाद में पुलिस के उच्च अधिकारी के आदेश से पुन: विवेचना हुई और इस बार चार्ज शीट दाखिल हुई ।

 

 

 


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Author

Moulshree Tripathi

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