जौनपुर: गमगीन माहौल में ताजिये कर्बला में किये गए दफन, नहीं निकला जुलूस
punjabkesari.in Friday, Aug 20, 2021 - 06:32 PM (IST)
जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में शुक्रवार को यौमें आशूरा गमगीन माहौल में मनाया गया और कोविड-19 के चलते इस साल भी जुलूस निकालने की इजाजत नहीं मिलने पर अजादारों ने अपने-अपने अज़ाखानों में रखे ताजियों को स्थानीय कर्बला बेगमगंज में सुपुर्द- ए -खाक कर दिया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी थी। खास तौर पर बेगमगंज के सदर इमामबाड़ा में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनाती रही। नवी मोहरर्म को नगर के शिया बाहुल इलाके बलुआघाट ,कल्लू इमामबाड़ा, पान दरीबा, पुरानी बाजार, पोस्तीखाना, मुफ्ती मोहल्ला,छोटी लाइन इमामबाड़ा सहित अन्य स्थानों पर अजादारों ने पूरी रात नोहा मातम कर कर्बला के शहीदों को नज़राने अकीदत पेश किया। सुबह फ्रज की नमाज के बाद अलविदा नौहा पढ़ कर इमाम हुसैन को रुखसत किया।
गौरतलब है कि 1400 साल पहले दस मोहरर्म को हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों को कर्बला के मैदान में यज़ीदी हुकूमत की फौजों ने तीन दिन के भूखे प्यासो को शहीद कर दिया था। यहां तक की मासूम बच्चों पर भी जुल्म करने से फौजी पीछे नहीं रहे ,इतना ही नहीं छह माह के बच्चे अली असगर को भी प्यासा शहीद कर दिया गया था, जिन्हें इमाम हुसैन पानी पिलाने कर्बला के मैदान में ले कर गये थे। यही वजह है कि दसवीं मोहरर्म को यौमें आशूरा मनाया जाता है। रात भर मजलिस मातम के बाद सुबह आमाल लोगो ने अदा किया। शाम के समय को कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत शामे गरीबा की मजलिस इमामबाड़ा में संपन्न हुई। हर तरफ बस ‘‘या हुसैन या हुसैन ''की सदा सुनाई दे रही थी।