अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने को झांसी प्रशासन मुस्तैद, सूचना मिलने पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई

punjabkesari.in Tuesday, Apr 17, 2018 - 01:45 PM (IST)

झांसीः देश में बाल विवाह अपराध होने के बावजूद कुछ रूढ़िवादी लोग अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर इस अपराध को अंजाम देते हैं। इस कुरीति पर लगाम लगाने के यहां जिला प्रशासन ने लगभग पूरी तैयारी कर ली है।  जिला प्रोबेशन अधिकारी नंदलाल ने अक्षय तृतीया पर कराए जाने वाले बाल विवाहों के खिलाफ अभियान चलाए जाने की घोषणा आज घोषणा की। 

उन्होंने अक्षय तृतीया के पर्व पर सार्वजनिक विवाह समारोहों और कार्यक्रमों का आयोजन कराने वाले कई सामाजिक, धर्माथ न्यास, समाजसेवी संगठनों से अपील की है कि इस सामाजिक पर्व पर किसी प्रकार का बाल विवाह न होने दें और न ही बाल विवाह जैसी कुरीति में शामिल हों। बाल विवाह के दुष्परिणाम हमेशा सामने आए हैं, जिनमें शिशु तथा मातृ मृत्यु दर में वृद्धि होना प्रमुख है। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन महिला एवं बाल कल्याण विभाग जनपद में बाल विवाह की रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाएगा। यदि किसी भी व्यक्ति को बाल विवाह संबंधी जानकारी हो तो वह निकट के थाने में, 181 महिला हेल्प लाइन, 100 नंबर, 1098 चाइल्ड हेल्प लाइन एवं बाल संरक्षण अधिकारी अभिषेक मिश्रा के मोबाइल नंबर 9453666106 पर सूचना दे सकता है। सूचना प्राप्त होते ही सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी।  

उन्होंने बताया कि बाल विवाह कानून अपराध है। 21 वर्ष से कम का लड़का और 18 वर्ष से कम की लड़की होने पर बाल विवाह अधिनियम 2006 के अंतर्गत पंद्रह दिन का साधारण कारावास व 1000 रुपए का अर्थदण्ड लगाया जाता है या फिर दोनों सजाए हो सकती हैं साथ ही पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है। यदि लड़के की उम्र 21 वर्ष से अधिक हो और वह 18 वर्ष की आयु से कम की लड़की से शादी करता है तो उसे तीन माह की कैद व अर्थदण्ड की सजा हो सकती है। ऐसे विवाह को कराने वाले अभिभावक व आयोजकों को भी सजा का प्रावधान है। 

Ruby