झांसी: मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मशीन नहीं, डॉक्टरों ने संदिग्धों के सेंपल लेने से खड़े किए हाथ

punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2020 - 11:22 AM (IST)

झांसी: उत्तर प्रदेश सरकार भले ही दावा करे कि प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए उसके पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण हैं लेकिन हकीकत इससे कोशो दूर है। प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में कोरोना के सैंपल लेने के लिए पर्याप्त मशीन नहीं हैं। जिसकी वजह से डॉक्टरों ने कोरोना संदिग्धों के सेंपल लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं। 

दरअसल वीडियो लैरिंगो स्कोप की मदद से डॉक्टर मरीज की सांस की नली में ट्यूब डालते हैं। ऐसे में डॉक्टर को मरीज से संक्रमण फैलने का खतरा कम रहता है। कॉलेज प्रशासन ने शासन को इस मशीन की खरीद के लिए पत्र भेजा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। अब फिर से कॉलेज ने शासन को पत्र भेजा है। बताया गया कि डॉक्टरों ने भी मरीज को ट्यूब डालने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में सिर्फ एक ही वीडियो लैरिंगों स्कोप है। जो कि एनेस्थीसिया विभाग के ऑपरेशन थिएटर में रखी हुई है। चूंकि, कोरोना वायरस के चलते मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। कई कोरोना संदिग्ध मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में डॉक्टर उनकी सांस की नली में ट्यूब डालते हैं। यह ट्यूब वीडियो लैरिंगों स्कोप में देखकर डाली जाती है। इससे डॉक्टर को मरीज से संक्रमण फैलने का खतरा कम रहता है। चूंकि, आइसोलेशन वार्ड की किसी भी मशीन अथवा वस्तु का उपयोग दूसरी जगह पर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इन वार्ड के लिए अलग से वीडियो लैरिंगो स्कोप की जरूरत है।

कोरोना पॉजिटिव का इलाज कर रहे डॉक्टर की मौत 
कोरोना संक्रमण से अबतक देश में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का इलाज कर रहे कई डॉक्टर भी इसकी चपेट में आ गए हैं जिन्हें आइसोलेट किया गया है। मध्य प्रदेश में एक डॉक्टर की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में जो डॉक्टर कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं अगर उन्हें पर्याप्त मशीन नहीं मिलती है तो वह इलाज कैसे करेंगे? 


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Ajay kumar

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