यूपी के सरकारी स्कूलों का सच, हेडमास्टर को नहीं पता राष्ट्रपति का नाम (Pics)

punjabkesari.in Monday, Apr 04, 2016 - 03:30 PM (IST)

झांसी:  उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां के शिक्षकों को न तो अंग्रेजी आती है और न ही हिंदी। आपको बता दें कि प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर साहब को देश के राष्ट्रपति का नाम भी पता नहीं है। 

जानकारी के अनुसार झांसी से 15 किमी दूर बड़ागांव स्थित छपरा के प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर भगवान सिंह से जब सीबीआई का फुलफॉर्म पूछा गया तो वो नहीं बता पाए। उन्होंने कहा कि सीबीआई गुप्तचर होती है। जब उनसे लोकसभा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें लोकसभा के बारे कुछ भी पता नहीं है क्योंकि उनके गांव में न तो लाइट है और न ही टीवी। 

जब उनसे पढा़ई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे सारे विषय पढ़ा लेते हैं। वे 10 वीं पास हैं लेकिन 12वीं फेल। उनसे पूछा गया कि इग्लिश में चंड़ीगढ़ कैसे लिखते हैं तो उन्होंने कहा कि लिख तो वे देंगें लेकिन गलत भी हो सकता है। बता दें कि इस स्कूल के सहायक अध्यापक शर्मा 12 वीं पास है। जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसके लिए बीएसए से अनुमति लेनी होगी। 

वहीं दूसरी तरफ झांसी से करीब 80 किमी दूर गरौठा तहसील के बंकापहाड़ी के कन्या प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका राम कुमारी से जब झांसी के मेयर का नाम पूछा गया, तो उन्होंने किरण वर्मा के बजाए किरण बेदी बताया। इसी स्कूल के प्रिंसीपल हरनाथ यादव से जब राष्ट्रपति का नाम पूछा गया तो उन्होंने राष्ट्रपति का नाम प्रणब मुखर्जी बताया। वहीं दूसरे शिक्षक हरि‍मोहन नामदेव से उनके सांसद का नाम पूछा गया तो वे बता नहीं पाए। 

बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगार नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापक 10वीं पास हैं और अच्छा वेतन ले रहे हैं।