JNU हिंसा BJP की पूर्व नियोजित साजिश: अखिलेश

punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2020 - 10:42 AM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि यह एक पूर्व-नियोजित साजिश थी और इस घटना में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही है। श्री यादव ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हिंसा की घटना को एक सोची समझी साजिश के तहत अन्जाम दिया गया। इस घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध थी।

उन्होंने कहा कि जेएनयू को एक विचारधारा के लोग उसी विचारधारा में ढालना चाहते हैं। इससे पहले भी वाराणसी में समाजवादी छात्रसभा के नेताओं पर भी जेएनयू जैसे हमले हुए थे। दिल्ली पुलिस का व्यवहार भी संदेह के घेरे में है। उस पर तो प्रश्न चिन्ह लग रहा है। पुलिस वहां पर इंतजार करती रही कि हमको कही से निर्देश मिले। तब तक वहां पर हिंसा बढ़ती गयी। पुलिस वहां के गेट के बाहर इंतजार करती रही कि जब सूचना आएगी तो हम जाएंगे।

प्रोपोगंडा फैलाने के लिए अब छात्र संघों पर कब्जा चाहते हैं
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा बेहतर ढंग से जानती है कि प्रोपेगंडा कैसे फैलाया जाता है। भाजपा तो देश के हर विश्वविद्यालय को बरबाद करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और पुलिस जानती है कि जेएनयू की हिंसा के पीछे षड्यंत्र किसका था। जेएनयू में गरीब बच्चे पढ़ते हैं। भाजपा की सरकार नहीं चाहती कि गरीब बच्चे पढ़ें। अब तो भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग जेएनयू छात्र संघ पर कब्जा करना चाहते हैं। यह लोग प्रोपोगंडा फैलाने के लिए अब छात्र संघों पर कब्जा चाहते हैं। नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों पर अखिलेश यादव ने कहा कि सभी जानते हैं कि दंगों से किसे फायदा होता है। दंगे हुए तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। 25 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। भाजपा लोगों को भटकाना जानती है। वो झूठ बोलते हैं और ये दंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी बचाने के लिए करवाए जा रहे हैं। जिससे जरूरी मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाया जा सके।

एक हजार से ज्यादा बच्चों की मौत
अखिलेश यादव ने कहा कि जनवरी से अक्टूबर 2019 के बीच गोरखपुर स्थित राघवदास मेडिकल कॉलेज में एक हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। मृतकों की संख्या को सरकार के निर्देश पर कम दिखाया गया। सरकार का कहना था कि आंकड़े ठीक रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे जांच के लिए आते हैं तो उन्हें दूसरी बीमारी बताई जाती है जिससे कि रिकॉर्ड खराब न हो सके। इसकी जांच की जानी चाहिये।   

Ajay kumar