महिलाओं के लिए नया हथियार: बस एक बटन क्लिक करते ही थाने में बजेगा बटन, घर पहुंचेगी पुलिस

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 09:22 PM (IST)

 वाराणसी: कोरोना के रोकथाम के लिए लागू लॉकडाऊन में भारत समेत विदेशों में महिलाओं व बच्चों के प्रति हिंसा की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। इस मामले में यूनाइटेड नेशन के जनरल सेक्रेटरी समेत तमाम एक्सपर्ट्स ने इस पर चिंता जताते हुए इमरजैंसी वार्निंग सिस्टम बनाने का सुझाव दिया है। कई देशों की  सरकार इस पर गम्भीरता से विचार भी कर रही हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की अंजली श्रीवास्तव ने इस समस्या का हल खोज निकाला है। जिससे एक डिवाइस के जरिए बच्चों व घरेलू महिलाओं की सुरक्षा समय पर की जा सकेगी।

दिल्ली में एक कम्पनी में कार्यरत अंजली श्रीवास्तव इन दिनों लॉकडाऊन के चलते अपने घर वाराणसी में रह रही है। इंजीनियरिंग की छात्रा अंजली श्रीवास्तव ने 5 वर्ष पूर्व भी लडकियों व महिलाओं के सुरक्षा से सम्बधित कई डिवाइस बनाए थे, जिसमें एण्टी रेप जींस, शाकिंग ग्लब्स आदि काफी चर्चित भी हुए। देश-विदेश के कई प्रिन्ट व चैनलों ने भी इसके बारें में खबरें चलाई, लेकिन कहीं से मदद न मिलने के कारण वह फिर शान्त बैठ गयी। इस बीच लॉकडाउन के चलते महिलाओं व बच्चों के प्रति हिंसा की खबरों ने उसे एक फिर उद्वेलित कर दिया और जिसके चलते वह कुछ दिनों से इस विषय मंथन कर रही थी। जिसके सकारात्मक परिणाम मिलने से वह काफी उत्साहित है। बच्चों व घरेलू महिलाओं की सुरक्षा के लिए ( होम इमरजैंसी वार्निंग सिस्टम बटन) लॉकडाऊन में इस तरह के घरेलू हिंसाओं को ध्यान में रखते हुए इस डिवाइस की मदद से घर में रहने वाली महिलाओं के लिए एक एंटी होम क्राइम पैनिक बटन नाम की डिवाइस का अविष्कार किया है।

कैसे काम करता है डिवाइस ?

इस डिवाइस को रेडियो फ्रिक्वैंसी के जरिए जी.पी.एस.  की टेक्नोलॉजी को जोड़ कर तैयार किया गया है। इस डिवाइस में 1 से 5 इमरजैंसी पैनिक बटन को जोड़ा जा सकता है। इस वायरलेस पैनिक  बटन को महिलाएं अपने जरूरत के मुताबिक घर के अंदर छुपा कर कहीं भी रख सकती है। इस का रेंज डिवाइस से 100 मीटर के दायरे में होगा और इस का बैटरी तकरीबन 7 से 8 महीने तक काम करता है। वायरलेस बटन काफी छोटा होता है। इसलिए इसे कहीं भी छुपा कर रखा जा सकता है, और जरूरत पड़ने पर घर के अंदर जब भी किसी तरह की हिंसा हो बस एक बटन दबा कर पुलिस को मदद के लिए बुलाया जा सकता है। इस के साथ ही पुलिस को घर के पते के साथ परिवार के सदस्यों के नाम आडियो रिकॉर्डिंग से कनेक्ट हो जाता है। जिससे पुलिस को करवाई करने में उचित सबूत मिल सकता है। ऐसे पैनिक बटन को देश के हर जगहों पर होने चाहिए ताकि बिना मोबाइल फोन के पीड़ितों के लोकेशन तक पुलिस सीधे मदद के लिए पहुच सकें। लॉकडाऊन अपने आस पास पड़े मोबाइल व अन्य उपकरण के इस्तेमाल कर अंजलि ने घरेलु हिंसा को रोकने के लिए एक अच्छा प्रयास किया है।

 

 
 

 

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Ramkesh