देवरिया: कलराज को टिकट की उम्मीद तो भाजपा के कई और नेता भी दावेदार

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 04:01 PM (IST)

देवरियाः उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा से लगे देवरिया संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा सांसद कलराज मिश्र फिर यहां से टिकट की उम्मीद जताते हुए कह रहे हैं कि वह देवरिया को विकास के पथ पर ले जाने के लिए लगे रहेंगे। वहीं, भाजपा के कई दिग्गज नेता भी देवरिया सीट से पार्टी का टिकट हासिल करने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। 

देवरिया संसदीय सीट पर 19 मई को मतदान होना है, लेकिन अभी तक भाजपा ने यहां से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। मिश्र यहां से सांसद की नई पारी शुरू करने के लिए कटिबद्ध दिख रहे हैं और कह रहे हैं कि जहां मैं था वहीं रहूंगा।  वहीं, इस सीट पर पूर्व पत्रकार और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी, देवेंद्र प्रताप सिंह और एक समाजसेवी संगठन चलाने वाले पार्टी के पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे शशांक मणि त्रिपाठी भी दावेदारी करते दिख रहे हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों पार्टी के दो बड़े पदाधिकारियों ने जब देवरिया का दौरा किया तो उनके सामने ही एक दावेदार के समर्थकों ने नारेबाजी कर कलराज मिश्र के खिलाफ विरोध जताया था। 

कलराज असफल सांसदः श्रीप्रकाश मणि
वहीं, श्रीप्रकाश मणि का एक वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ। जिसमें वह एक वेब पोर्टल से बातचीत में मिश्र को बाहरी बताते दिखाई दिए। त्रिपाठी ने इस वीडियो में यह भी कहा कि कलराज असफल सांसद हैं और अगर पार्टी उन्हें देवरिया से दोबारा टिकट देती है तो कार्यकर्ता विरोध कर सकते हैं।  उन्होंने इस वीडियो में यह भी कहा कि देवरिया में भाजपा को लाने का श्रेय उनके परिवार को जाता है। त्रिपाठी कहते दिखे कि गौरीबाजार विधानसभा क्षेत्र में जब पार्टी का जनाधार नहीं था तो उनके भाई श्रीनिवास मणि उर्फ श्री बाबू विधायक बने थे।

2 बार सपा के दिग्गज नेता को किया पराजित
वीडियो में वह यह भी कहते दिखते हैं कि दो बार मैंने यहां समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे मोहन सिंह को पराजित कर भाजपा का परचम लहराने का काम किया था। राजनीति के जानकारी पूर्व सांसद के इस बयान को कई रूप में देख रहे हैं। एक तो वह टिकट के लिए परोक्ष तौर पर दावा कर रहे हैं और दूसरा अर्थ साफ है कि कलराज को दोबारा टिकट मिलने पर उनका विरोध हो सकता है। अब नजर इस पर है कि भाजपा का नेतृत्व इन दोनों ही मामलों का हल किस तरह निकालता है।

 

Ruby