कौशांबी की स्मृतियों में कल्याण सिंह, ऐसा था संबंध

punjabkesari.in Monday, Aug 23, 2021 - 02:02 PM (IST)

कौशांबीः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे कल्याण सिंह का शनिवार को एसजीपीजीआई में ईलाज के दौरान निधन हो गया। राम मंदिर निर्माण के नायकों में से एक सिंह के निधन की खबर से राजनीतिक जगत के साथ ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी अंतिम यात्रा आज सोमवार को और अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नरौरा परमाणु केंद्र के पास स्थित गंगाघाट पर किया जाएगा। हिन्दू ह्रदय सम्राट कल्याण सिंह के निधन पर कौशाम्बी की भी आंखे नम है। वह अपने जननायक नेता को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है।

बता दें कि जननायक कल्याण सिंह के 1990 में राम ज्योति आंदोलन के दौरान बतौर सैनिक रहे पूर्व विधायक शिवदानी (मौजूदा समय में चेयरमैन सराय अकिल नगर पंचायत) बताते है कि कल्याण सिंह हर हिन्दू के हृदय में बसते थे। 1990 में जब जेल भरो आंदोलन के तहत सबसे पहली गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश में कौशाम्बी के सराय अकिल कस्बे से उन्होंने दी। उनके साथ 43 युवा नैनी सेन्ट्रल जेल में बंद किये गए। वह कल्याण सिंह के साथ उनकी बैरक में रहे। करीब 14 दिन साथ में रहने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। और वह 28 दिन जेल में रहे।

उन्होंने बताया कि नैनी जेल में कल्याण सिंह साखा लगाया करते थे। जिसमे जेल में सभी बंदी उनकी बात को मन्त्र मुग्ध होकर सुनते थे। अभूतपूर्व उत्साह, कार्यकर्त्ता के मन की बात समझ लेना और दृढ़ इक्छा शक्ति उनमे कार्यो में साफ दिखती थी। और उन्होंने नक़ल विहीन परीक्षा और निर्विवाद अध्यापक नियुक्ति करा उन्होंने कुशल प्रशासक होने का परिचय देश और प्रदेश को कराया।

मौजूदा समय में कल्याण सिंह जैसा व्यक्तित्व वह मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी में देखते है। जान भावना को समझ उनके अनुरूप काम करने की योग्यता कल्याण सिंह में थी जो मौजूदा समय में सीएम योगी में दिखती है। उन्होंने बताया की कल्याण सिंह जैसा व्यक्तित्व कभी मरा नहीं करते आज वह हर हिन्दू के अंदर जीवित है।  राम मंदिर आंदोलन, चुनावी दौरे और मुख्यमंत्री रहने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह 3 बार कौशाम्बी दौरे पर आये। 1997 में उन्होंने सराय अकिल कसबे में बने सरदार पटेल इंटर कालेज में पटेल की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे। 

 

Content Writer

Moulshree Tripathi