कानपुर मुठभेड़: शहीद CO देवेंद्र मिश्रा का गांव मांग रहा प्रतिशोध

punjabkesari.in Friday, Jul 03, 2020 - 02:41 PM (IST)

बांदा: कानपुर के बिल्हौर में देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में एक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियो के शहीद होने की खबर के बाद उनके गृह ग्रामों में भी अब मातम छा गया है। शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा बांदा जिले के सहेवा गांव के रहने वाले थे। शहीद सीओ के पैतृक गांव में जहां गम का माहौल बना हुआ है वहीं पुलिस तैनात कर दी गई है। परिजनों और गांव के लोगों में घटना के बाद से भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों द्वारा यह मांग की जा रही है कि जिस तरह से अपराधियों ने पुलिस को निशाना बनाया है उसी तरह से पुलिस को उनके साथ व्यवहार करना चाहिए और उनको कड़ी सजा देनी चाहिए।
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प्रदेश के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ
बता दें कि कानपुर के ग्राम बिकरू, थाना चौबेपुर में एक मुठभेड़ के दौरान सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इसके बाद से प्रदेश के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। एक तरफ सभी शहीदों के परिजनों को सूचित किया जा रहा है तो कुछ को उनके गांव भेजने की तैयारी की जा रही है। जैसे ही शहीदों की जानकारी उनके परिजनों को मिल रही है तो परिजन ही नहीं अपितु गांव में भी मातम का माहौल हो गया है।
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दुर्दांत हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए: ग्रामीण
बांदा जिले के सहाबा गांव के निवासी देवेंद्र मिश्रा जो कि कानपुर में ही सीईओ पद पर तैनात थे उनकी भी मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई है। जैसे ही यह सूचना सहेवा गांव में पहुंची तो गांव में मातम का माहौल छा गया है। पड़ोसी एवं ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्राम वासियों की मांग है कि ऐसे दुर्दांत हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उनके साथ इससे भी बुरा सुलूक किया जाए जिससे अगली बार कोई भी हमारे सैनिकों, पुलिसकर्मियों पर हमला करने से पहले सौ बार सोचे।
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देवेंद्र मिश्रा के पिता साहिबा गांव में ही अध्यापक थे
गांव के कुछ लोग शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के स्वभाव के बारे में बताते हुए कहते हैं कि देवेंद्र मिश्रा बहुत ही हंसमुख स्वभाव के थे पढ़ाई में भी बहुत तेज थे देवेंद्र मिश्रा के पिता साहिबा गांव में ही अध्यापक थे। शहीद देवेंद्र मिश्रा की प्रारंभिक पढ़ाई गांव साहिबा में ही हुई थी और सभी लोग उनके हंसमुख स्वभाव के कायल हैं। आज अपने शहीद लाल की अंतिम विदाई देने के लिए गांव वाले नम आंखों से तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं स्थानीय पुलिस अमला भी शहीद के गांव पहुंच चुका है।


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Edited By

Umakant yadav

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