हाई कोर्ट के निर्देश को भूल गई कानपुर पुलिस, DIG के यहां भी लगी रही बदमाशों की होर्डिंग
punjabkesari.in Saturday, Feb 06, 2021 - 06:33 PM (IST)
कानपुर: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया था कि वह पुलिस थानों से टॉप टेन अपराधियों के बारे में सूचना देने वाले बैनरों को हटवा दे। इन बैनरों में अपराधियों के नाम और पहचान के साथ ही उनके आपराधिक इतिहास की भी जानकारी दी गई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। कोर्ट के आदेश के बाद एक सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी कानपुर में थानों में टॉप टेन अपराधियों के फोटो लगे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि डीआईजी कार्यालय में भी टॉप-15 अपराधियों की होर्डिंग लगी हुई है। वहीं जब मीडिया ने इस बारे में बात की तो डीजीपी ने इस बाबत सभी थानों को सकुर्लर जारी करने का भी निर्देश दिया था।
बता दें कि कोर्ट का इस मामले में मानना है कि थानों के बाहर अपराधियों के बारे में सूचनाएं सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करना अनावश्यक है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा करना मानवीय गरिमा के विपरीत है। डीआईजी कानपुर का कहना है कि सभी थानों को आदेशित किया गया है कि वह ऐसे होर्डिंग हटा दिए जायेंगे।
गौरतलब है कि सीएम योगी ने निर्देश दिया था कि महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों से छेडख़ानी, दुव्र्यहार, अपराध, यौन अपराध करने वाले अपराधियों के पोस्टर चौराहों पर लगाए जाएं। जिस पर पुलिस ने आरोपियों के फ़ोटो सार्वजनिक स्थल पर चस्पा कर दिया था। वहीं कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान लेते कहा यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि ऐसा करना मनवीय दृष्टि कोण से गलत है। आदालत ने डीजीपी उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया कि अपराधियों की फ़ोटो को सार्वजनिक स्थल से तुरंत हटा दिए जाए।