अपनों की ही 'गद्दारी' का शिकार हुए 8 शहीद, मुखबिरी के शक में 2 दरोगा समेत 3 पुलिसवाले सस्पेंड

punjabkesari.in Monday, Jul 06, 2020 - 01:21 PM (IST)

कानपुरः कानपुर एनकाउंटर प्रकरण में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं, जिसमें साफ साफ पता चल रहा है कि 8 शहीद पुलिसकर्मी अपनों की ही गद्दारी की साजिश शिकार हुए हैं। थाने से अपराधी विकास दुबे को दबिश देने की सूचना देना इसका सबसे बड़ा सबूत है। वहीं अब कानपुर SSP ने दो दरोगाओं समेत 3 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है। 

सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में थाने के ही कुछ लोगों ने मुखबिरी कर विकास दुबे को अलर्ट कर दिया था। जिसके बाद शातिर विकास ने अपने नापाक इरादों का जाल बुना, जिसमें जांबाज 8 पुलिस फंस गए और शहीद हुए। ऐसे में पूरे थाने पर ही शक जताया जा रहा है। जिसके चलते कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने दरोगा कुंवर पाल, दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव को निलंबित कर दिया। सस्पेंड करने की वजह जांच में लापरवाही बताई है। बता दें कि इससे पहले चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी को भी निलंबित किया जा चुका है।

इस बारे में कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल ने रविवार को बताया कि विकास दुबे के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है और जल्द ही सफलता हासिल होगी। उन्होंने कहा कि अभी पूरा चौबेपुर थाना शक के घेरे में है। कितने पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे से बात की, इस मामले की जांच चल रही है। मोहित अग्रवाल ने कहा कि अगर किसी पुलिसकर्मी की भूमिका सामने आई तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उन पर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि ऐसे आरोपियों पर 307 का मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर वे बर्ख़ास्त भी होंगे। आईजी ने बताया कि इस पूरी घटना में 21 नामजद हैं और 50-60 अज्ञात हैं। 

Tamanna Bhardwaj