इनकी सरकारों में कावंड़ यात्रा पर प्रतिबंधित था- BJP ओबीसी मोर्चा की बैठक में बोले योगी

punjabkesari.in Monday, Jul 29, 2024 - 05:09 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब कोई समाज अपने स्व का बोध खोता है तो पहचान का संकट खड़ा होता है, ऐसा ही षडयंत्र इस समाज के साथ हुआ, जो समाज अपने बल बुद्धि पौरूष से भारत को सोने की चिड़िया बनाने और समृद्ध बनाने का जज्बा रखता था,उसको उसी के आपस मे लड़ा कर पहचान का संकट पैदा कर दिया गया।

जो समाज विदेशी ताकते करती थी वहीं कार्य आज वहीं सेक्युलर पार्टी कर रही हैं
सीएम ने कहा कि ताकते जानती थी अगर ये समाज ऐसे ही पौरुष से भरपूर रहा तो भारत का कोई भी बाल बांका नहीं कर पायेगा, इसीलिए उन्होंने इस समाज को आपस में लड़ा दिया, जो समाज विदेशी ताकते करती थी वहीं कार्य आज वहीं सेक्युलर कहलाने वाले दल कर रहे है। सीएम योगी ने सपा, कांग्रसे को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में आपने देखा कैसे आपस मे लड़ाने का प्रयास किया गया।

कावंड़ यात्रा सपा बसपा कांग्रेस की सरकारों में प्रतिबंधित थी
उन्होंने कहा कि इस समय पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कांवड़ यात्रा चल रही है यही कावंड़ यात्रा सपा बसपा कांग्रेस की सरकारों में प्रतिबंधित थी। ये केवल शिव भक्तों की यात्रा नही बल्कि रोजगार का माध्यम भी थी, एक बार की कांवड़ यात्रा से वो हस्तशिल्पी वर्ष भर की आय प्राप्त कर लेते थे। उन्होंने कहा कि सपा के लोग माफियाओं को गले लगाते थे। PDA का नारा लगाने वाले लोग उसे समय कहां चले गए थे। जिन्होंने रोजगार पर डाका डाला और प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा किया। सपा सरकार में 86 एसडीएम की नियुक्ति हुई 86 में से 56 सिर्फ एक ही जाति से हुई। वह लोग इस बात पर खामोश हो जाते है।

भाजपा की सरकार ने 7 वर्षों में 6.50 लाख सरकारी भर्ती की 
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में हमने 6.50 लाख सरकारी भर्ती की गई है। इसमे 60% ओबीसी समाज की भर्ती की,69 हजार शिक्षको की भर्ती में हमने इसको लागू किया। ये वही लोग प्रश्न खड़ा करते जो 86 में 56 एक ही समाज की भर्ती करते थे। उन्होंने ओबीसी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया था।  उन्होंने प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का काम किया था।

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या  हुई क्या वह ओबीसी नही थे?
उन्होंने कहा कि आप अपने लोगों को सच्चाई से अवगत कराईए 2006 में भाजपा विधायक कृष्णानन्द राय की गाज़ीपुर में हत्या हुई थी। उनके साथ उनके सुरक्षा में लगे रमेश पटेल थे,रमेश यादव थे क्या वो ओबीसी नही थे? यानी भाजपा के साथ हो गए थे तो आप उनको ओबीसी नही मानोगे? प्रयागराज में उमेश पाल,राजू पाल क्या ओबीसी नही थे? उसी माफिया को ये लोग गले लगाते फिरते थे। जिन लोगो ने युवाओं के नौकरी रोजगार में डकैती डाली,और उत्तरप्रदेश को अराजकता की आग में झोंक दिया था आज वही लोग समाज को लगातार गुमराह कर रहे हैं। रावण की लंका को जलने में बहुत देर नहीं लगेगी। यह लोग समाज को आपस में ही लड़ाने का काम कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सर्व समाज के साथ बेहतर ढंग से आगे बढ़ने का कार्य कर रही है। 


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Ramkesh

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