कॉरिडोर में निकले मंदिरों पर चोरों की नजर, आए दिन बेशकीमती चीजों पर हो रहे हाथ साफ

punjabkesari.in Friday, May 31, 2019 - 06:26 PM (IST)

वाराणसीः एक तरफ जहां पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के निर्माण का काम चल रहा है, वहीं दुसरी तरफ ध्वस्तीकरण मकानों के बीच से निकले प्राचीन मंदिरों में चोरी का सिलसिला शुरू हो गया है। अबकी बार चोरों ने ब्रम्हेश्वर महादेव को निशाना बनाया है, जो विश्वनाथ कॉरीडोर के अंर्तगत आता है। आरोप है कि चोरों ने मंदिर से पीतल का दरवाजा और अन्य सामाग्री पर हाथ साफ कर दिया है।

कॉरीडोर में हो रही चोरी की घटनाएं
ब्रम्हेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी महालक्ष्मी शुक्ला के मुताबिक उन्होंने मंदिर को कॉरीडोर के हवाले इस शर्त पर दिया था कि उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे, लेकिन हैरानी इस बात की है कि कॉरीडोर से जुड़े लोग मंदिर में एक लाइट नहीं लगवा पाए, जिसके चलते चोरी की घटनाएं हुई हैं। मंदिर से जुड़े लोगों ने घटना की शिकायत चौक थाने में की है। हाल के दिनों में कॉरीडोर के अंतर्गत आने वाले मंदिरों में चोरी की ये कोई पहली घटना नहीं है।

पुलिस ने साध रखी है चुप्पी
उधर, इस घटना को लेकर ज्ञानवापी सुरक्षा प्रभारी शैलेंद्र राय ने चुप्पी साध रखी है तो विश्वनाथ कॉरीडोर के सीईओ विशाल सिंह ने भी मौन धारण कर लिया है। हैरानी इस बात की है कि अधिकारियों के पास इतनी भी फुर्सत नहीं कि वो घटनास्थल तक पहुंचे।

PM मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है विश्वनाथ कॉरीडोर
दरअसल, काशी विश्वनाथ कॉरीडोर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए यूपी सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया। कॉरीडोर अभी तैयार नहीं हुआ है लेकिन अभी एस इस पर चोरों की नजर जम गई है।

उठता है ये सवाल
ऐसे में सोचने वाली बात ये है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास सुरक्षा का कड़ा पहरा रहता है। सुरक्षा के लिहाज से तीन चरणों में मंदिर का सुरक्षा घेरा रहता है। सीआरपीएफ, पीएसी और स्थानीय पुलिस के जवान तीन पालियों में चौबिसों घंटें मंदिर की हिफाजत करते हैं। कड़ी चौकसी के बाद भी कॉरीडोर परिसर में चोरी होना सुरक्षा को लेकर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।








 

Tamanna Bhardwaj