'राम मंदिर मामले में कटियार का बलिदान वाला बयान अलगाव बढ़ाने वाला'

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 05:10 PM (IST)

सहारनपुरः राम मंदिर व बाबरी मस्जिद का मुद्दा दिन ब दिन तूल पकड़ता जा रहा है। इस मु्द्दे पर पूरे देश की राजनीति गरमाई हुई है। वहीं दूसरी तरफ सभी राजनीतिक पार्टियां इस विवादित भूमि को लेकर अपनी अपनी राय दे रही हैं। कोई राम मंदिर बनाने के पक्ष में है, तो कोई मस्जिद बनाने के पक्ष में है, लेकिन इस मामले का अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

जानिए पूरा मामला 
देश की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होने के बावजूद भी इस मामले में नेता बयानबाजी करने से नहीं हट रहे। भाजपा के फायरब्रांड नेता विनय कटियार ने तो यहां तक कह डाला है कि भगवान राम एक बार फिर बलिदान चाहते हैं। वहीं राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम ने स्वामी अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण कराए जाने की मांग की है। जिसके चलते दोनों नेताओं ने बयान को उलेमा ने अलगाव बढ़ाने वाला करार दिया है।

भगवान राम एक बार फिर बलिदान चाहते हैं
बता दें कि अयोध्या शनिवार को नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा नेता विनय कटियार ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के मुद्दे पर बाद करते हुए कहा कि भगवान राम एक बार फिर बलिदान चाहते हैं। एक बार फिर 1992 जैसी क्रांति की आवश्यकता है। तो दूसरी तरफ राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम को पत्र लिखकर राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है।

मौलाना नदीमुल वाजदी ने किया पलटवार
जिसके बाद दोनों बयानों पर पलटवार करते हुए तंजीम उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि कटियार और सुब्रमण्यम स्वामी दोनों ही अपनी पार्टी में दर-किनार किए जा चुके हैं। इसलिए अब सुर्खियों में बने रहने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।

ऐसे लोगों का कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए
इतना ही नहीं मौलाना वाजदी ने कहा कि मंदिर-मस्जिद का मसला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि यह आस्था का मामला नहीं है। इसलिए जो लोग इसे मुद्दा बनाकर बोल रहे हैं वह सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं। ऐसे लोगों का कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।


 

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