केरल के राज्यपाल कर रहे थे मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक बातेंः इरफान हबीब

punjabkesari.in Thursday, Jan 02, 2020 - 05:21 PM (IST)

अलीगढ़ः  इतिहासकार इरफान हबीब ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को स्टेज पर बोलने से रोकने के मामले पर हुए विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि आरिफ मोहम्मद खान मंच पर गांधी जी और मौलाना आजाद का हवाला देते हुए मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कर रहे थे। इस पर जब हम उनको रोकने के लिए गए तो उनके एडीसी और सिक्युरिटी अफसर ने हमें रोक लिया।

जानें क्या है मामला
केरल के कन्नूर में बीते 20 दिसंबर को आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस के उद्घाटन भाषण के दौरान गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को इतिहासकार इरफान हबीब ने बोलने के दौरान रोक दिया था। वहीं राज्यपाल के तरफ से हमले की नीयत से बढ़ने की बात कही गई थी। इरफान हबीब ने इसी संबंध में अपनी सफाई दी है।

पुलिस को लगा मैं हमला करने आया हूं
इरफान हबीब ने कहा कि ‘फिर मैं उनके पास दोबारा गया और बीच में पुलिस ने मुझे रोकने की कोशिश की और उनको लगा कि मैं उन पर हमला कर रहा हूं। मैं सिर्फ उनसे यह कहने गया था कि आप इस तरह की बातें मत करिए, लेकिन वो फिर भी बोलते रहे। मैंने उनसे कहा कि आप गांधी जी और आजाद के बारे में बात क्यों कर रहे हैं। आप गोडसे को कोट क्यों नहीं कर रहे हैं। इसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया। डेलीगेट खड़े हो गए और उनको सुनने से इनकार कर दिया।वहीं हबीब ने कहा कि ‘हमारे यहां यह बिल्कुल भी कायदा नहीं है कि पुलिसवाले मंच पर आ जाएं। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर इस तरह की बातों को खत्म करें।

कलाम और गांधी जी ने कभी ऐसी बातें नहीं कही
उन्होंने यह भी कहा कि, ‘इनके इशारे पर पुलिस वालों ने वहां चार डेलीगेट को पकड़ लिया उनमें से जवाहरलाल नेहरू की एक छात्रा भी थी। आप अगर पूरी कम्युनिटी को गाली दें, तो कौन इसे बर्दाश्त करेगा अबुल कलाम आजाद और गांधी जी ने कभी कोई ऐसी बात नहीं कही।

गवर्नर ने इरफान हबीब पर भाषण में बाधा पहुंचाने का लगाया था आरोप
बता दें कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इरफान हबीब पर भाषण में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि इरफान ने उनसे मौलाना अब्दुल कलाम आजाद करने की जगह गोडसे का जिक्र करने को कहा. मंच पर हंगामे के बाद राज्यपाल ने नाराजगी में कहा था कि, 'मैं भाषण में किसको कोट करूं और किसको नहीं, यह तो मैं ही तय करूंगा. मौलाना आजाद किसी की संपत्ति नहीं हैं. यहां शोर मचाकर लोग मुझे चुप नहीं करा सकते हैं. मेरी बातों को भी आपको सुनना पड़ेगा।

Tamanna Bhardwaj