डिप्टी CM केशव मौर्य का गोद लिया गांव बदहाली पर बहा रहा आंसू

punjabkesari.in Thursday, Apr 12, 2018 - 06:22 PM (IST)

इलाहाबादः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’(एसएजीवाई) के तहत सूबे के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के फूलपुर संसदीय क्षेत्र का गोद लिया आदर्श गांव जैतवारडीह अपनी दुर्दशा पर आज भी आंसू बहा रहा है।  गंगापार थरवई क्षेत्र के जैतवारड़ीह गांव में बुनियादी जरूरत की चीजों की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। पीने के लिए पानी, उपचार के लिए स्वास्थ्य केन्द्र,अस्पताल, शिक्षा के लिए स्कूल और आने-जाने के लिए सड़क मार्ग का घोर अभाव है। पानी की टंकी तो है पर सप्लाई की उचित व्यवस्था नहीं , उपचार के लिए स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल नहीं उसकी जगह 2007 में एक एएनएम सेंटर खुला लेकिन कोई डाक्टर नहीं।  

आवगमन के रास्ते पर खुला बह रहा पानी
जैतवारड़ीह गांव के 50 वर्षीय प्रधान महावीर ने कहा बड़े दुर्भाग्य की बात है सांसद के तौर पर मौर्य के कार्यकाल में ग्रामीण विकास के लिए सरकारी किसी भी योजना का लाभ गांव के लोगों को नहीं मिला। वह पूरे कार्यकाल में एक या दो बार ही यहां आए हैं। उनके साथ सरकारी अमला भी था। वह गये और उनका अमला भी चला गया। रह गया केवल जैतवारड़ीह अपने बदहाली पर आंसू बहाने के लिए। उन्होंने बताया कि दो साल पहले पानी की टंकी बनी और गांव में अन्दर प्रवेश के लिए कुछ पगडंडियों का निर्माण जरूर कराया गया लेकिन वह भी समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक अंसार अहमद के सहयोग से हुआ। पूरे गांव में पहुंचने के लिए उसकी भी पूरी व्यवस्था नहीं है। नालियों के पानी आवगमन के रास्ते पर खुले बह रहे हैं। अन्दर कच्ची और टूटी पगडंडी है जिस पर वर्षा में चलने से फिसल कर गिरने का डर हमेशा गांव वालों को सताता रहता है। शौचालय जरूर सडक के किनारे रहने वालों के घर के सामने दिखलाई पड़े।  

कहीं भी कोई निर्माण नहीं कराया गया 
महावीर ने बताया कि जैतवारड़ीह में छह मजरे डीघी, शिवपुर, बलीपुर, जैतवारडीह खास, डिघवा और अडहलपुर हैं। 15000 हजार की आबादी वाले छहों मजरे में शिवपुर मजरा स्थित पणिलामहादेव मन्दिर के इर्दगिर्द की पगडंडियों और इसी क्षेत्र में सांसद कोटे से थोड़ा बहुत निर्माण कराया गया है, शेष कहीं भी कोई निर्माण नहीं कराया गया है।  यहां आने पर उन्होंने आश्वासन तो बहुत दिये लेकिन जाते समय उन्हें बटोर कर लेते भी गए। उनके द्वारा दिए गए आश्वासन धरातल पर दिखायी नहीं पड रहा अलग-अलग योजतनाओं के तहत पांच ट्रांसफरमर, 72 सोलर लाइट और पांच हैंडपंप का वितरण हुआ है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर कुछ किया है तो 10 से 20 फीसदी लेकिन वह कोई मायने नहीं रखता।  

कोई दूसरा प्राथमिक विद्यालय नहीं
उन्होंने बताया कि खास जैतवारड़ीह में राम मिलन कोटेदार के पास केवल 380 राशन कार्ड हैं जबकि मजरा डीघी के सुन्दरी देवी के पास 307 कार्ड है । पूरे जैतवारड़ीह के सभी मजरों के मिलाकर कम से कम चार हजार राशन कार्ड होने चाहिए थे लेकिन आश्वसन के बाद भी वह कार्ड नहीं बने। उन्होंने बताया कि 2011 में जनगणना के आधार पर प्रधानमंत्री आवायीय योजना में 80 आवास लोगों को दिए गए। लगभग 150 लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं हो पाये थे जिन्हें आवास नहीं मिले, लेकिन उन्हें आवास की अत्यन्त आवश्यकता है। शिक्षा का मन्दिर कहे जाने वाले विद्यालय प्राथमिक विद्यालय जैतवारड़ीह लगभग काफी पुराना है। इसके अलावा यहां कोई दूसरा प्राथमिक विद्यालय नहीं है। यहां प्रधानाचार्य समेत सात शिक्षिकायें है और 242 बच्चे। बालिकाओं के लिए अलग से कोई विद्यालय की व्यवस्था नहीं की गयी। प्रधानाचार्य डा रामया त्रिपाठी ने बताया कि स्कूल की बाउंड्री वाल का निर्माण कराया गया है, लेकिन उन्हें यह नहीं जानकारी नहीं है कि सांसद निधि से यह बनी है या किसी दूसरे निधि से। इसके अलावा विद्यालय में कोई विकास का कार्य नहीं कराया गया है।

आश्वासन के बाद भी उन्हें आवास नहीं मिला 
गांव के लोगों का कहना है कि आश्वासन के बाद भी उन्हें आवास नहीं मिला जो कि वह पात्र है, इसी तरह गांव के अन्य लोगों ने भी योजना का लाभ नहीं दिये जाने की शिकायत की। उनका आरोप है कि गांव का ट्रांसफर जल जाने पर ठीक कराने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारी पैसा लेकर ही काम करते हैं। गांव में नालियां टूटी हैं। साफ सफाई का अभाव है। गांव में सडके नहीं है, जो सड़के सालों पहले बनी थीं, अब वो भी गढ्ढे में तब्दील हो गई जिससे लोगों को आने जाने में समस्या पैदा होती है। राशनकार्ड न बनने से कोटेदार राशन नहीं देने की शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि मौर्य के गोद लिए गांव में लोगों को आने जाने के लिए सड़के तो हैं किन्तु वह गढ्डों से भरी हैं। 

पानी पीने के हैंडपंप खराब पड़े हैं
गांव के पानी निकासी के लिए कोई नाली नहीं है। गांव में पानी पीने के हैंडपंप खराब पडे हैं। गांव के हालात तो ऐसे है कि सबका साथ और सबका विकास के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना को सौ फीसदी आदर्श गांव मुंह चिढा रहा है।  ग्रामीण रामभवन का आरोप है कि सांसद ने गांव के लोगों को कोरा आश्वासन ही दिया लेकिन गांव के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया। विकास उनके कागजों में खूब दिखायी पड रहा होगा। ग्रामीणों ने गांव के विकास के लिए बिजली, पानी और सड़क निवारण की मांग की।  इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले गांव के ही वरिष्ठ अधिवक्ता रामानंद ने बताया कि श्री केशव मौर्य का चार साल पहले जब वोट लेना था तब यहां से लगाव था। लेकिन जैसे जैसे कुर्सी मजबूत होती गयी वह जनता को भूलाते गये। मंचों पर उनसे अच्छा भाषण देने वाला कोई नहीं है। उनके भाषण सुनने के बाद लगता है कि प्रदेश में चतुर्दिक विकास धरातल पर उतर आया है, लेकिन हकीकत में नहीं, केवल कागजों पर। 

Ruby