UP का खली: बाजार में नहीं मिलते नाप के जूते-चप्पल, घर के दरवाजे भी पड़ते हैं छोटे...सोने के लिए बना 8 फीट का तख्त

punjabkesari.in Tuesday, Feb 28, 2023 - 09:49 PM (IST)

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के अंतिम गांव नायकपुरवा इचौली में जिले के सबसे लंबे युवा सीरज की बात ही निराली है। इस छोटे से गांव में रहने वाले 18 वर्षीय युवक की लंबाई 7.2 फीट है जोकि ग्रेट खली से .1 इंच ज्यादा है। हालांकि इनका जीवन दूसरों की तरह सहज नहीं है। क्योंकि सीरज की लंबाई उसके जीवन में कई परेशानियां भी लाती हैं। जिससे उससे रोजाना जूझना पड़ता है। उसके नाप का बाजार में न तो जूता मिलता और न ही चप्पल। सोने के लिए अलग से 8 फिट का तख्त बनाया गया है। वहीं इसके बिस्तर भी अलग से बनवाने पड़े हैं।

अधिक लंबाई होने के कारण घर के दरवाजे पड़ते हैं छोटे
बता दें कि सीरज के पिता सिपाही लाल व मां कुसमा सामान्य किसान हैं। दोनों की लंबाई भी आम लोगों की तरह है। वहीं सीरज की लंबाई ने सभी को अचंभित कर दिया है। पिता सिपाही लाल ने बताया कि वर्ष 2009 के बाद बेटे की लंबाई व चौड़ाई में अभूतपूर्व बदलाव दिखाई दिया। सीरज ने बताया कि 2019 में मैने हाईस्कूल कि परीक्षा दी और मन में आया कि मैं इसके बाद आर्मी में जाकर देश की सेवा करूं। इसलिए मैं कई वर्षों से गांव में करीब 10 किलोमीटर की दौड़ लगाया करता था। करीब 14 वर्ष की उम्र के बाद मुझे अचानक ज्यादा भूख लगने लगी और मैं छह रोटी के स्थान पर 20 रोटी व ढाई लीटर के साथ एक किलो मिठाई खाने लगा। इसके बावजूद मुझे हमेशा भूख लगने का अहसास होता रहता है। अधिक लंबाई होने के कारण घर के दरवाजे छोटे पड़ जाते हैं। पिता के पास पांच बीघा खेत हैं लेकिन फसल न होने की स्थिति में मजदूरी करनी पड़ती है। बताया कि मैं जहां भी जाता हूं लोग सेल्फी जरूर लेते हैं।

मां श्यामा देवी ने बताया कि उसकी लंबाई बढ़ने से हमें कई परेशानियां उठानी पड़ती हैं। बताया कि सबसे अधिक परेशानी दिनचर्या के काम में आती है। जैसे कि वह शाकाहारी है। नाश्ते में ढाई लीटर दूध पी जाता है। इसके अलावा खाने में चूल्हे की बनी 18 से 20 रोटी, करीब आधा किलो चावल, पांच स्वजन के बराबर सब्जी एक बार के खाने में लेता है। श्यामा देवी ने बताया कि हम लोग गरीब परिवार से हैं। इतना भोजन रोजाना देना मुसीबत का सबब बना है। कहीं से कोई सरकारी मदद मिल जाए तो जीवन यापन में आसानी होगी। वहीं बेटे ने आजतक कोई भी नशा नहीं किया है।

पिता सिपाही लाल ने बताया कि खेतों में काम करते वक्त वह एक क्विंटल वजन आसानी से उठा लेता है। उन्होंने बताया कि उसका जन्म जुलाई 2004 में हुआ था। उन्होंने बताया कि बीते 4 वर्षों से उसके शरीर में यह बदलाव आया है। इससे पहले व सामान्य दिखता था। इतना बड़ा शरीर होने के कारण उसके नाप का 13 नंबर का जूता कहीं नहीं मिलता है। चप्पल भी नहीं मिल पाती है। साथ ही रेडीमेड कपड़े भी बाजार में नहीं मिल पाते हैं। इसके अलावा उसके सोने के लिए आठ फिट का अलग से तखत बनाया है। बिस्तर भी बनवाने पड़े हैं।

Content Writer

Mamta Yadav