कुंभ 2019 में शामिल होने के लिए संगम नगरी प्रयागराज पहुंचे खड़ेश्वरी बाबा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 12:47 PM (IST)

प्रयागराजः विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ मेले के लिए तीर्थराजप्रयाग में हठयोगियों ने डेरा जमाना शुरू कर लिया है। साधना के अनूठे तौर-तरीकों के चलते भीड़ में भी अपनी अलग पहचान बनाएंगे, इन्ही हठयोगियों में एक हैं खड़ेश्वरी बाबा।  गंगा, श्यामल यमुना और अ²श्य सरस्वती के संगम तट पर अस्थायी बसने वाली आध्यात्मिक नगरी में पहुंच रहे कई साधु-संत लोगों के बीच खास आकर्षण और कौतूहल का केंद्र बनेंगे। गाजियाबाद के खडेश्वरी बाबा भी उन्ही में से एक हैं।

गाजियाबाद में भव्य शिव मन्दिर निर्माण तक के लिए एक पैर पर खड़े रहने का संकल्प लेने वाले ‘‘खड़ेश्वरी बाबा’’ ने बताया कि पिछले तीन सालों से लगातार एक पैर पर खड़े रहते हैं, लेकिन समय समय पर पैर बदलते रहते हैं। उन्होंने बताया कि धर्मग्रंथों के मुताबिक जीवन भर या फिर एक निश्चित अवधि के लिए लगातार खड़े होने का संकल्प करने वाले साधुओं को खड़ेश्वरी कहा जाता है। खड़ेश्वरी होने का संकल्प बेहद कठिन साधना मानी जाती है। खडेश्वरी बाबा जूना अखाड़े के महंत रूपगिरी महराज के नाम से जाने जाते हैं। बाबा ने उज्जैन के कुंभ मेले से पहले ही ये अनूठा संकल्प लिया था। उनका कहना है जबतक भगवान शिव का मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वह पूरे समय पैर पर ही खड़े रहेंगे। मंदिर की छत पड़ गई है, लेकिन अभी चोटी का निर्माण नहीं हुआ है।

पिछले तीन साल से वह खड़े-खड़े ही एक झूले के सहारे सोते हैं। अधिकांश समय एक पैर पर ही खड़े रहते हैं। एक सवाल के जवाब में कहा कि भगवान राम करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य देव हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की उनकी दिली तमन्ना है। गाजियाबाद के अपने गुरु दूधेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी नारायण गिरि के सामने लिए गए इस संकल्प को खड़ेश्वरी बाबा पिछले तीन सालों से लगातार निभा रहे हैं। चौबीस घंटे वह वह एक झूले का सहारा लेकर ही खड़े रहते हैं। झूले पर खड़े होकर ही ईश्वर की आराधना करते हैं, खड़े होकर ही फलाहार लेते हैं और खड़े-खड़े ही नींद भी पूरी कर लेते हैं। 

Ruby