जानिए कैसे काम करता है ‘आरोग्य सेतु’ ऐप, गोरखपुर में 3 लाख लोगों ने किया डाउनलोड?

punjabkesari.in Saturday, Apr 25, 2020 - 04:57 PM (IST)

गोरखपुर: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तवाही मचा दी है। लोग इसका नाम लेने से भी भयभीत है। वहीं केन्द्र और प्रदेश सरकार आरोग्य सेतु ऐप को कोरोना की इस लड़ाई में कारगर हथियार मानकर चल रही है। मगर आम आदमी इसको ये समझने में व्यस्त है कि आखिर ये काम कैसे करता है?

बता दें कि गोरखपुर में आरोग्य सेतु ऐप के कंट्रोल रूम में एक बड़ी स्क्रीन पर एक व्यक्ति नजर गड़ाए बैठा है। कंट्रोल रूम प्रभारी ने बताया कि स्क्रीन पर ये अरोग्य सेतु ऐप से मिलने वाला इनपुट है। उन्होंने बताया कि ये ऐप फोन में डाउनलोड करने के बाद जब व्यक्ति अपना स्व-परीक्षण कर लेगा और फिर इसके बाद सिर्फ उसे अपना ब्लूटूथ ऑन रखना होगा। आगे का काम ये ऐप अपने आप करेगा। दरअसल ये एप जितने भी व्यक्ति के मोबाइल में है और उसका ब्लूटूथ ऑऩ है तो व्यक्ति सीधे ऐप के मेन सर्वर और गोरखपुर में कंट्रोल रूम सर्वर से जुड़ गया है। फिर उसके प्रत्येक मूवमेन्ट पर सरकार की नजर रहती है।
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इसे समझने का आसान तरीका
जैसे A नामक व्यक्ति की कोरोना की जांच होती है और वह जांच में पॉजिटिव पाया जाता है तो सरकार को ये पता चल जायेगा कि वो पिछले 14 दिनों में कितने लोगों से मिला और कहां पर कितनी देर तक रुका था? इसके बाद सरकार को उन लोगों को ट्रैक करने में आसानी होगी, जिससे वायरस को तेजी से फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।

रेड जोन इलाके का डेटा 45 दिन तक रहता सुरक्षित
गौरतलब हो कि ऐप के मेन सर्वर में ग्रीनजोन का डेटा 30 दिनों तक सुरक्षित रहता है। वहीं जिन जिलों में कोरोना के मरीज हैं और रेड जोन है वहां का डेटा 45 दिन तक मेन सर्वर पर रहता है। साथ ही जिन व्यक्तियों की कोरोना की जांच हो चुकी है उन लोगों को भी ट्रैक किया जा रहा है, जो व्यक्ति कहीं बाहर से आया है, उसको भी ट्रैक करने में आसानी हो रही है।
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11 हजार लोगों ने किया स्व-परीक्षण
वहीं गोरखपुर के डीएम के विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि गोरखपुर में 3 लाख से अधिक लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड किया है, पर स्व-परीक्षण सिर्फ 11000 लोगों ने किया। सभी लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि सभी के मोबाइल में ये ऐप डाउनलोड हो जाए, जिससे आने वाले दिनों में लोगों को आसानी से ट्रैक किया जा सके।


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Edited By

Umakant yadav

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