Gyanvapi survey: जानिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कैसे हुई बहस, CJI ने ऐसे दिया मुस्लिम पक्ष के वकील को जवाब

punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2023 - 06:09 PM (IST)

Gyanvapi survey: ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एएसआई सर्वेक्षण के फैसले से असंतुष्ट मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सर्वे का काम होने दें। सर्वे से किसी के अधिकारों का हनन नहीं होता है। इसके साथ ही सर्वे की रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में रखने के निर्देश दिए हैं।


SC में ज्ञानवापी पर सुनवाई की डिटेल

  • सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र किया जिसमें ASI ने भरोसा दिया था की इमारत को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। हाई कोर्ट ने ASI के भरोसे के बाद अदालत ने यह आदेश दिया था। ऐसे में हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश मैं दखल क्यों दे?
     
  • CJI ने कहा की अयोध्या मामले में भी ASI के सर्वे हुआ था। आज केवल सर्वे की बात है उसे होने दें। हम आपको भी सेफगार्ड भी देंगे। ताकि इमारत को कोई नुकसान न हो। इसके साथ ही कहा कि वो मुख्य सूट जिसमें सूट की वैधानिकता पर सवाल उठाए गए हैं उस याचिका पर नोटिस जारी कर देंगे।
     
  • CJI ने कहा की हम सभी पहलुओं पर सुनवाई करेंगे। जब सूट पर सुनवाई शुरू करेंगे तो। लेकिन हम सर्वे के आदेश पर दखल क्यों दे?
     
  • वाराणसी ज्ञानवापी मामले में ASI सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल याचिका का मामला CJI की अध्यक्षता वाली बेंच में मस्जिद कमेटी की ओर से हुजेफा अहमदी ने कहा पहले से सुप्रीम कोर्ट दो मामलों की सुनवाई कर रहा है।
     
  • जिसमें पहली याचिका जिसमें पूजा की मांग वाली याचिका को सुनवाई योग्य होने को लेकर है। जबकि दूसरी याचिका सील एरिया में साइंटिफिक सर्वे का है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है।
     
  • CJI ने मस्जिद कमेटी से पूछा कि हाई कोर्ट के interloketri आदेश में इस स्टेज पर क्यों और कैसे हस्तक्षेप करें। हालाकि उन्होंने कहा कि इस मामले पर आपके सभी मांग वाली पहलुओं को खुला छोड़ सकते है।
     
  • मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जब मामला कोर्ट के सामने है तो CM का बयान दुर्भाग्य पूर्ण था। हालांकि CJI ने इस पर कुछ नही कहा।
     
  • जस्टिस जस्टिस पारदीवाला ने कहा की आपके बहस का मुख्य आधार सूट के लंबित होने का है लेकिन यहां मामला सर्वे का है। य़ह सर्वे केवल एक रिपोर्ट की तरह है। क्या कोई सर्वे से कोई ऐसी हानि हो सकती है जो ठीक न हो सके?
     
  • अगर ऐसा है तो आप बताइए। उन्होंने कहा सर्वे का काम होने दे और रिपोर्ट को सील बंद रखा जाए तब तक जब तक य़ह तय न हो जाए की सूट सुनवाई योग्य है या नहीं।
     
  • CJI ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आप हर चीज के लिए हमेशा अर्जी दाखिल कर चुनौती नही दे सकते। नीचे की दो अदालतों ने आपके खिलाफ फ़ैसला दिया है। CJI ने कहा कि हम इमारत को लेकर सेफगार्ड देंगे। SG भी यहा मौजूद हैं।


सर्वे नहीं होगा किसी प्रकार का नुकसान

  • वहीं, SG ने बताया ASI सर्वे का काम करेगा कि उस दौरान बिना किसी भी तरह से इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि GRP सर्वे एक्सपर्ट करेंगे, वहां वीडियोग्राफी होंगी, वहां किसी भी तरह का तोड़-फोड़ का काम नही होगा। उन्होंने कहा कि ASI बिना नुकसान के बिना होगा।
     
  • चार महिला की ओर से माधवी दीवान ने कहा कि सर्वे किसी के अधिकार का हनन नहीं होगा। अगर कोर्ट चाहे तो पूरी प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग कोर्ट के लिए की जा सकती है। इस पूरे मामले में वैज्ञानिक परीक्षण के ज़रिए एक तार्किक नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। जो कोर्ट के लिहाज से भी ठीक रहेगा।
     
  • हिंदू याचिकाकर्ताओं की वकील की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि सिविल जज सीनियर डिविजन, वाराणसी ने मुकदमें मेटेनेबिलिटी को पहले भी स्वीकार कर चुका है। वहीं अहमदी ने कहा की यह तब था जब सुनवाई पर रोक का मामला नहीं था। यहां हमनें निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक की भी मांग की।
     
  • श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य  है या नहीं इस पर  सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। उन्होंने कहा कि सूट की वैधानिकता को लेकर दाखिल मस्जिद कमिटी की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे।  सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी दूसरे पक्ष को देने को कहा। इसके साथ ही CJI ने कहा की प्लेसेज ऑफ़ वरशिप एक्ट पर भी अभी सुनवाई नहीं करेंगे।
     
  • अहमदी ने 7/11 पर बहस की शुरुवात करते हुए कहा कि संसद का इरादा एक समुदाय से किए गए वादे का एक रूप था कि आपके पूजा स्थलों को नहीं छुआ जाएगा। यदि देश भर में मुकदमे दायर किए जाएंगे तो परिणाम क्या होंगे? सर्वेक्षण के निष्कर्षों से जिन्न को बोतल से बाहर निकलने का मौका मिलेगा
     
  • CJI ने कहा आप ऐसा क्यों कह रहे हैं? अगर यह उनके खिलाफ जाता है तो यह कहा जा सकता है। अहमदी ने कहा कि स्थानों या पूजा अधिनियम के स्पष्ट प्रावधानों के कारण सर्वेक्षण का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए था।
     
  • अहमदी ने कहा कि सर्वे के बाद यह कहने के लिए आवेदन होंगे कि वहां कुछ पाया गया है। उसे सील किया जाए, फिर कहा जाएगा कि पूजा करने की अनुमति दी जाए। य़ह शुरुआती रणनीति हैं। थोड़ा थोड़ा करके हमे मस्जिद की संपत्ति से अलग किया जा रहा है। 
     
  • उन्होंने कहा कि सर्वे की कार्रवाई को पूरी तारीके से गोपनीय रखा जाए। कोर्ट ने कहा मस्जिद कमिटी के वकील अहमदी का कहना है की सर्वे का काम प्लेसेज ऑफ़ वरशिप एक्ट का उलंघन है।

 

Content Writer

Imran