जानिए, निर्भया के दोषियों की फांसी के बदले मिले 1लाख रुपयों का क्या करेंगे पवन जल्लाद

punjabkesari.in Thursday, Jan 09, 2020 - 01:50 PM (IST)

मेरठः जब से निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुनहगारों को एक साथ फांसी पर टांगने का डेथ वारंट जारी किया है। तब से एक पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। वह हैं मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद। क्योंकि एक तो वह निर्भया के कातिलों को फांसी पर लटकाएंगे वहीं इस एवज में उन्हे एक लाख रुपए की मोटी रकम मिलेगी। उस रकम से वह अपनी बिटिया की शादी करेंगे।

आसमान की ओर दोनों हाथ जोड़कर पवन जल्लाद ईश्वर के साथ-साथ तिहाड़ जेल प्रशासन और उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय का बार-बार शुक्रिया अदा कर रहे हैं। वह बताते हैं कि एक लाख रुपये जैसी मोटी पगार जिंदगी में पहली बार देखेंगे।

पवन ने बताया कि ‘इस वक्त मैं 57 साल का हो चुका हूं। मैंने अपने जीवन में कभी इतनी बड़ी रकम नहीं देखी।  कहने को भले ही मैं देश में खानदानी जल्लाद क्यों न हूं। उन्होंने कहा कि मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद थे। दादा कालू राम उर्फ कल्लू और पिता मम्मू भी पुश्तैनी जल्लाद थे। दादा ने रंगा-बिल्ला से लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह केहर सिंह तक को इसी तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था। मगर वो जमाना औने-पौने मेहनताने का था।

महंगाई इतना है कि प्याज 150 रुपये किलो बिक रहा है
पवन आगे कहते हैं 'आने-जाने का खर्चा और जेल में एक दो-रात अच्छे से रहने के इंतजाम से ही हमारे पुरखे सब्र कर लेते थे। आज महंगाई का जमाना है। पहले गरीब आदमी रोटी नमक और प्याज खाकर जिंदगी बसर कर लेता था। आज प्याज देश में 150 रुपये किलो बिक रहा है। 7 संतानें जिस पिता के सहारे हों, इस महंगाई के जमाने में सोचिये उसकी क्या हालत होगी।

फांसी से मिली रकम से करेंगे बेटी की शादी
यूपी जेल महकमे ने भी मुझे अलर्ट रहने और जिला न छोड़ने को कहा है। इन रुपयों से घर में 18 साल की बेटी की शादी कर दूंगा। कुछ और जरूरत हुई पैसों की तो जैसे बाकी तीन बेटियों की शादी के लिए उधार लिया था, वैसे इसके लिए भी आपसदारी में कुछ लोगों से ले लूंगा। यह तो भगवान का शुक्रिया है कि दिल्ली की अदालत ने इन चारों को (निर्भया के हत्यारे) फांसी पर लटकाने का हुक्म सुना दिया है। वरना जिंदगी अब बेजार सी लगने लगी है।

बेटियों की शादी के लिए 6 लाख रुपये लिए उधार
पवन जल्लाद ने दिल में छिपे दर्द को बयान करते हुए कहा कि कई साल पहले भूमिया पुल (मेरठ) इलाके में पुश्तैनी मकान था। वह बारिश में ढह गया। उस दिन पत्नी मकान के मलबे में दब गई। बड़ी कोशिशों से उसे ढहे मकान के मलबे से निकाला गया, तभी से मैं अब मेरठ जिला प्रशासन से कांशीराम आवास योजना के तहत मिले एक छोटे से मकान में जिंदगी के दिन-रात जैसे-तैसे रो-पीटकर काट रहा हूं। तीन बड़ी बेटियों की शादी को उधार लिए 5-6 लाख रुपये अभी तक नहीं निपटे। नकद पर ब्याज और चढ़ता जा रहा है।

 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार
पवन जल्लाद कहते हैं, ‘अब तो साहब बस 22 जनवरी 2020 का इंतजार है, ताकि मैं तिहाड़ जेल जाकर उन चारों को फांसी पर लटका कर अपना एक लाख मेहनताना तिहाड़ जेल अफसरों से ले सकूं। पवन को यूपी जेल विभाग से हर महीने 5 हजार रुपये मिलते हैं।

Ajay kumar