कोविड-19: मरीजों के इलाज में रामबाण साबित होगी होम्योपैथी, ICMR से मिली रिसर्च को हरी झंडी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 29, 2020 - 12:36 PM (IST)

आगराः जानलेवा कोरोना वायरस का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। वहीं इसके इलाज व बचाव के लिए प्रतिदिन नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। आगरा में हुए शुरूआती प्रयासों में यह बात निकल कर सामने आई है कि कोरोना के इलाज में होम्योपैथिक रामबाण साबित हो सकता है। लिहाजा इस पर आगे जांच करने को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से अनुमति मिल गई है। ICMR से अंतिम मुहर लगते ही होम्योपैथी चिकित्सा के जरिए कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने का प्रयोग शुरू हो जाएंगे।

बता दें कि डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता जो कि होम्योपैथी चिकित्सक व कुबेरपुर, नवलपुर स्थित नेमीनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य हैं इन्होंने ये कवायद शुरू कि है। आयुष मंत्रालय और ICMR को भेजी रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने क्‍वारंटाइन मरीज की प्रोफाइल एक्सेज के लिए अनुमति मांगी है। ताकि उनमें से आधे कोविड पॉजिटिव मरीजों को हॉम्योपैथी दी जाएगी और आधे मरीजों को सामान्य इलाज दिया जाएगा। इसके बाद देखा जाएगा, कि दोनों में किस दवा का प्रभाव ज्यादा प्रभावी है। इसका असर यह होगा कि जहां कोरोना से मृत्यु दर चार होगी, वह घटकर एक या दो फीसद तक आ जाएगा।

डॉ. प्रदीप ने बताया कि कोरोना कोविड-19 के इलाज में जहां अन्य दवाओं को सफलता नहीं मिल पा रही, वहीं कुछ होम्योपैथिक दवाएं कारगर साबित हो रही है। कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट लेकर उन्होंने ऑब्‍जर्वेशन स्टडी की, जिसमें यह निकल कर सामने आया है। लिहाजा उन्होंने ऐसे मरीजों पर सीधे होम्योपैथिक दवाओं के प्रयोग के लिए आयुष मंत्रालय से अनुमित मांगी थी, जो 21 अप्रैल को मिल चुकी है। अंतिम अनुमति ICMR से मंगलवार को मिल चुकी है। अब सिर्फ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से हरी झंडी का इंतजार है, इसके बाद वह कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों का इलाज शुरू कर देंगे। वह सेंट्रल रिसर्च काउसिल ऑफ हैम्योपैथी के साथ मिलकर होम्योपौथिक दवाओं से उनका इलाज करना शुरू करेंगे।

उनका कहना है कि कोरोना से लड़ने में अब तक हुई स्टडी में होम्योपैथी की ब्रॉयनिया, जेर्सीमिया और आर्सेेनिक दवाएं कारगर रही हैं। इसकी उनके पास पांच हजार लोगों को देने के लिए पर्याप्त स्टॉक है। वह चाहते हैं कि अभी इन दवाओं को कोरोना वॉरियर्स और फ्रंटलाइन वर्कर (चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ, पुलिस और स्वच्छता कर्मी) को दिया जाए, ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इसके साथ ही कोविड-19 के इलाज में पॉजिटिव मरीज को नेगेटिव होने में 14 से 18 दिन लगते हैं वहीं उनका दावा है कि होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग कर मरीज को पांच से सात दिन में नेगेटिव किया जा सकता है।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Author

Moulshree Tripathi

Recommended News

Related News

static