कोविड-19: इस बार अपने पैनल में चिकित्सकों को शामिल करेगा रमजान हेल्पलाइन
punjabkesari.in Wednesday, Apr 22, 2020 - 07:44 PM (IST)
लखनऊः कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। वहीं रमजान भी आने वाला है। ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी हुई जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए इस बार रमजान हेल्पलाइन अपने पैनल में चिकित्सकों को भी शामिल करेगी।
बता दें कि हर साल रमजान के महीने में मुसलमानों के रोजे और नमाज से संबंधित विभिन्न आशंकाएं दूर करने के लिए मशहूर रमजान हेल्पलाइन जारी की जाती है। 'इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया' द्वारा संचालित की जाने वाली इस हेल्पलाइन में आमतौर पर रोजे की विभिन्न स्थितियों और नमाज से जुड़े मसलों पर लोगों के सवालों के जवाब दिए जाते हैं। यह हेल्पलाइन शरीयत के आधार पर धार्मिक परामर्श भी जारी करती है।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बताया कि "हमारी हेल्पलाइन पर न सिर्फ पूरे देश से बल्कि दूसरे मुल्कों से भी लोग कॉल करके अपनी आशंकाएं दूर करते हैं इस बार हम अपने पैनल में डॉक्टरों को भी शामिल करेंगे। उन्होंने बताया "हम रोजेदारों को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में वे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे मजबूत बनाए रखें, क्योंकि रोजे की हालत में दिनभर कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है। ऐसे में मौजूदा सूरते हाल के मद्देनजर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना बेहद जरूरी है।
मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि रोगों से लड़ने की ताकत को बनाए रखने के लिए सेहरी और इफ्तार के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं, इस बारे में हेल्पलाइन के जरिए रोजेदारों को डॉक्टरों के माध्यम से बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि रोजा तमाम जिस्मानी और रूहानी कमजोरियों को दूर करने का बेहतरीन जरिया है लेकिन उसे किस तरह सही अंदाज में अपनाया जाए इस बारे में जानकारी देना भी इस हेल्पलाइन का काम होगा। मौलाना फिरंगी महली ने इस दफा लॉकडाउन के दौरान पड़ रहे रमजान के महीने में सभी मुसलमानों से अपने-अपने घर में रहकर ही तमाम नमाज अदा करने और तरावीह पढ़ने की अपील की है।
हेल्पलाइन के जरिए दूर की जाएगी समस्या
उन्होंने बताया कि अगर किसी को रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज अदा न करने के औचित्य के संबंध में भी किसी तरह का संदेह है, तो उसे भी हेल्पलाइन के जरिए दूर किया जाएगा। इसके अलावा लॉकडाउन के कारण इस बार रमजान में सेहरी और इफ्तार का वक्त बताने के लिए छापे जाने वाले कैलेंडरों का प्रकाशन नहीं हो पाया है, लिहाजा हेल्पलाइन के जरिए लोगों को इस बारे में भी जानकारी दी जाएगी।