UP: दूसरी बार गोरक्षपीठ की पवित्र धरा पर आने वाले रामनाथ कोविंद पहले राष्ट्रपति

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 12:10 PM (IST)

गोरखपुर: रामनाथ कोविन्द 28 अगस्त को गोरक्षपीठ की पवित्र धरा पर जब कदम रखेंगे तो वह ऐसी पहली शख्सियत होंगे जिन्होने राष्ट्रपति पद पर रहते हुये दूसरी बार पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस प्रमुख जिले का दौरा किया है। कोविन्द गोरखपुर आने वाले देश के पांचवें राष्ट्रपति हैं और गोरखपुर जिला शनिवार को छठवीं बार राष्ट्रपति का स्वागत करेगा। मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम दो बार गोरखपुर आ चुके हैं मगर वह दूसरी बार गोरखपुर आये तो पूर्व राष्ट्रपति हो चुके थे।      

कोविन्द के स्वागत से लेकर सुरक्षा के विशेष प्रबंध किये गये हैं। हालांकि गोरखपुर के लिए यह कोई पहला मौका नहीं है। वर्ष 1955 में गोरखपुर ने देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद का स्वागत किया था। वह यहां ट्रेन से आये थे। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार उन्होंने मोकामा और आस पास के क्षेत्र का निरीक्षण किया था। उन्होंने यहां गोरखनाथ मंदिर का भी दर्शन किया था। उस दौरान उनके लिए स्पेशल सैलून लगाया गया था।      

पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डा. राधा कृष्नन भी गोरखपुर आ चुके हैं। उन्होंने भी गोरखनाथ मंदिर का दौरा किया था। मौजूदा राष्ट्रपति श्री कोविन्द इससे पूर्व वर्ष दिसम्बर 2018 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में हिस्सा लेने आये थे। उस मौके पर उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रामनाइक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। डा. एपीजे अब्दुल कलाम 11 अगस्त 2003 में वह गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे।

इस दौरान उन्होंने मगहर कबीर समाधि स्थल पर जाने की इच्छा जाहिर की जिसके बाद प्रशासन को आनन फानन में तैयारी करनी पड़ी थी। 10 फरवरी 2011 को मिसाइल मैन गोरखनाथ स्थित सेंट जासेफ इन्टर कालेज में पूर्व राष्ट्रपति के रूप में छात्रों के बीच पहुंचे थे और गोरखपुर-बस्ती मंडल के छात्रों से संवाद किया था। देश की 12वीं और प्रथम महिला राष्ट्रपति डॉ. प्रतिभा पाटिल भी गोरखपुर आ चुकी हैं। 24 मार्च 2009 में वह एयरफोर्स स्टेशन गोरखपुर पहुंची थी और यहां पर उन्होंने 105 हेलीकाप्टर यूनिट और 108 स्क्वाड्रन को प्रेसीडेंशियल स्टैन्डर्ड अवार्ड से सम्मानित किया था।


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Content Writer

Umakant yadav

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