क्षत्रिय संगठनों ने ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन'  रैली में लहराई तलवारें, राणा सांगा विवाद पर रामजी लाल सुमन को दी चेतावनी

punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 08:18 PM (IST)

आगरा: उत्तर प्रदेश में कई क्षत्रिय संगठनों ने शनिवार को राणा सांगा की जयंती पर रक्त स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया और इसमें तय किया गया कि राणा सांगा पर अमर्यादित टिप्पणी के लिए सांसद रामजी लाल सुमन माफी मांगे। गढ़ी रामी में शनिवार को रक्त स्वाभिमान सम्मेलन को लेकर पहले से ही करणी सेना समेत कई संगठनों ने एलान किया था कि राणा सांगा की जयंती पर रक्त स्वाभिमान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस रैली में तलवारों और भगवा झंडा के साथ आगरा में प्रदर्शन किया।

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समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा को लेकर राज्यसभा में की गयी एक टिप्पणी को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद मामले को लेकर तनाव बढ़ गया। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को संसद में दिए एक बयान में कहा कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत में आमंत्रित किया था। उन्होंने तर्क दिया कि अगर भारतीय मुसलमानों को बाबर का वंशज बताया जाता है तो इसी तरह दूसरे समुदायों को भी राणा सांगा जैसे गद्दार के वंशज के तौर पर देखा जा सकता है। राजपूत विरासत पर सवाल खड़ा करने वाले इस बयान से ‘अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा' और करणी सेना सहित राजपूत संगठन भड़क उठे थे। इसके बाद, ‘करणी सेना' के सदस्यों ने 26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के घर पर हमला कर तोड़फोड़ की।

 

आगरा में शनिवार को रक्त स्वाभिमान सम्मेलन को देखते हुए पुलिस ने भी कड़े इंतजाम किए थे। शहर क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोनम कुमार ने बताया कि इसके लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा योजना बनाई गई थी और 24 स्थान चिन्हित किए गए थे जिस पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। कई जगहों पर अवरोधक भी लगाए गए थे। आगरा के अलावा मेरठ, झांसी और मैनपुरी से भी पुलिस बुलाई गयी थी।

शनिवार को रक्त स्वाभिमान सम्मेलन के मद्देनजर सांसद रामजी लाल सुमन के घर की सुरक्षा को भी बढ़ाया गया। रामजी लाल सुमन ने कहा कि "पहले घर पर हमला हुआ था लेकिन उसकी पुनरावृत्ति ना हो उसके लिए प्रशासन ने इंतजाम किए।” करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने बताया कि "सम्मेलन में तय हुआ है कि रामजी लाल सुमन माफी मांगे। अगर माफी नहीं मांगेंगे तो आगे की रणनीति बनाएंगे। इस सम्मेलन में 40 से ज्यादा क्षत्रिय संगठन शामिल हुए।” रामजी लाल सुमन के राजपूत राजा राणा सांगा 


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Ramkesh

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